जीएसवीएम के कोविड हास्पिटल में आइसीयू-वेंटिलेटर तो हैं पर नहीं हैं उन्हें चलाने वाले

कानपुर के जीएसवीएम के एलएलआर अस्पताल में कोविड हास्पिटल में आइसीयू के 235 बेड पर सिर्फ एक स्थायी एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की ही तैनाती है। वहीं वेंटिलेटर चलाने वालों की तैनाती अबतक नहीं की गई है। स्थायी विशेषज्ञों के 10 पद खाली पड़े हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:48 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:48 AM (IST)
जीएसवीएम के कोविड हास्पिटल में आइसीयू-वेंटिलेटर तो हैं पर नहीं हैं उन्हें चलाने वाले
एलएलआर अस्पताल में संसाधन हैं पर सुविधाएं नहीं।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना ने अस्पतालों में सुविधाओं-संसाधन की पोल खोलने का काम किया है। इसका नतीजा है कि डेढ़ साल में सुविधाएं और संसाधन जुटा लिए गए, पर उन्हें चलाने वाले नहीं हैं। जीएसवीएम के एलएलआर अस्पताल में तीन कोविड हास्पिटल हैं, जिसमें 237 बेड आइसीयू और 202 वेंटिलेटर के हैं, लेकिन चलाने वाले ही नहीं हैं। मेडिकल कालेज में एक ही एनेस्थीसिया विशेषज्ञ हैं। ऐसे में अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो कैसे निपटा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक एक ही गुहार है कि आइसीयू व वेंटिलेटर चलाने के लिए विशेषज्ञ तो मुहैया कराएं।

मेडिकल कालेज में लेवल थ्री कोविड हास्पिटल बनाया गया है। इसके लिए न्यूरो साइंस सेंटर, मेटरनिटी ङ्क्षवग और सर्जरी वार्ड कोविड हास्पिटल हैं। न्यूरो साइंस सेंटर में 90 बेड का आइसीयू, मेटरनिटी ङ्क्षवग में 125 बेड और सर्जरी वार्ड में 22 बेड का आइसीयू बनाया गया है। इन आइसीयू में 192 वेंटिलेटर लगाए गए हैं, जबकि एचडीयू और आइसोलेशन वार्ड में बाईपैप एवं हाई फ्लो नेजल कैनुला (एचएफएनसी) लगाए गए हैं।

विभाग में 10 स्थायी पद हैं खाली : कोविड आइसीयू की देखभाल का जिम्मा मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया विभाग का होता है। यहां एनेस्थीसिया विभाग में एक मात्र स्थायी विशेषज्ञ तैनात हैं। विभाग में स्थायी विशेषज्ञों के 11 पद हैं, उनमें से 10 खाली पड़े हैं। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट होने की वजह से आइसीयू एवं वेंटिलेटर चलाने का जिम्मा भी संभालते हैं।

संविदा पर पांच विशेषज्ञ तैनात : मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया विभाग में संविदा पर पांच विशेषज्ञ तैनात हैं। संविदा विशेषज्ञों को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती है। ऐसे में तीन कोविड आइसीयू की निगरानी स्थायी विशेषज्ञ ही संभाल रहे हैं।

बेहतर कार्य करने पर ट्रांसफर : कोरोना की पहली लहर जब बेकाबू हुई थी तो बांदा मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर डा. अनिल वर्मा यहां बुलाए गए थे। उन्होंने कोरोना की दोनों लहरों में क्रिटिकल केयर में अहम भूमिका निभाई। जब स्थिति नियंत्रित हो गई तो उनका स्थानांतरण फिर से बांदा मेडिकल कालेज कर दिया गया।

-कोविड आइसीयू के संचालन के लिए एनेस्थीसिया विभाग में सिर्फ एक ही स्थायी प्रोफेसर हैं। संविदा पर पांच विशेषज्ञ हैं, दो और आ जाएंगे। उन्हें जिम्मेदारी सौंपी नहीं जा सकती है। इसलिए शासन को पत्र लिखा है। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम

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