कानपुर के जूही राखी मंडी में सीवर और पानी की लाइन का नक्शा ही हुआ गायब
इस मामले को सदन में भी उठाया था। इसके बाद केडीए ने दावा किया था कि राखी मंडी के विकास के लिए नगर निगम को हैंडओवर है लेकिन जब नक्शे की गहना से जांच पड़ताल हुई तो पता चला कि नक्शे में सीवर पानी और ट्यूबवेल है ही नहीं
कानपुर, जेएनएन। जूही राखी मंडी के विकास में हु्आ खेल केडीए के नक्शे ने खोल दिया।केडीए अफसरों के दावों की पोल खुल गयी। कोई और नहीं कह रहा है केडीए का नक्शा अफसरों की पोल खोल रहा है। जूही राखी मंडी के विकास के नक्शे में कहीं भी सीवर लाइन और पाइप लाइन नहीं दिख रही है। जूही राखी मंडी के हैंडओवर को लेकर दैनिक जागरण पिछले कई माह से लगातार छापा रहा है।
क्षेत्रीय पार्षद ने इस मामले को सदन में भी उठाया था। इसके बाद केडीए ने दावा किया था कि राखी मंडी के विकास के लिए नगर निगम को हैंडओवर है, लेकिन जब नक्शे की गहना से जांच पड़ताल हुई तो पता चला कि नक्शे में सीवर, पानी और ट्यूबवेल है ही नहीं। अब तो आशंका जताई जा रही है कि केडीए द्वारा सीवर लाइन बिछाई ही नहीं गई। करीब 20 दिन पहले अपर नगर आयुक्त अरविंद राय की अध्यक्षता में गठित टीम ने निरीक्षण किया तो उसमें भी नक्शे से सीवर, पानी की लाइन और ट्यूबवेल नहीं दिखाई दिया, जबकि केडीए ने मंडी में कई प्लाट काटे, लोगों की सुविधा के लिए पार्क व सड़क बनाई थी। यह नक्शे में दिखाई दे रहा है। जलकल अधिशासी अभियंता डा. पीके सिंह ने बताया कि 1978 में नगर निगम की जगह नगर पालिका थी। प्राधिकरण द्वारा पत्र लिखकर हस्तांतरण की कार्रवाई हो जाती थी। इसके दोनों विभागों का संयुक्त निरीक्षण नहीं होता है। उन्होंने बताया कि केडीए के नक्शे में राखी मंडी के नक्शे में सीवर और पानी लाइन व ट्यूबवेल भी नहीं है।
क्रोमियमयुक्त पानी का उठा था मुद्दा : जूही राखी मंडी में सालों से फैक्ट्री का कूड़ा डंप होता था। इस वजह से भूजल दूषित हो गया है और पानी में क्रोमियम पाया गया। दैनिक जागरण ने दूषित पानी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तो प्रशासन से संज्ञान दिया। इसके बाद 2800 मीटर की पानी लाइन बिछाई गई।