डिन से जारी वारंट पर ही कारोबारी पर सर्च कर सकेंगे जीएसटी के अधिकारी
बजट के बाद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कारोबारियों को एक और राहत दी है। अब जीएसटी के अधिकारी डॉक्यूमेंट आइडेंटीफिकेशन नंबर के जरिये ही वारंट हासिल कर कारोबारी के यहां छापे की कार्रवाई करेंगे। पूर्व में कारोबारी वारंट के समय को लेकर शिकायत करते थे।
कानपुर, जेएनएन। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। अब जीएसटी के अधिकारी डॉक्यूमेंट आइडेंटीफिकेशन नंबर (डीआइएन) के जरिए जारी वारंट ले जाकर ही कारोबारी के यहां छापा मार सकेंगे। कारोबारियों की तमाम मामलों में शिकायत होती थी कि अधिकारी कई बार बाद में सर्च वारंट अपने हिसाब से बदल लेते थे। अब डिन से सर्च वारंट जारी किए जाने से उसे कभी बदला नहीं जा सकेगा।
जीएसटी में सर्च वारंट के लिए अधिकारियों को अपने से वरिष्ठ अधिकारी से इसकी अनुमति लेनी होती है। इसके बाद सर्च वारंट जारी किया जाता है। सर्च वारंट को लेकर कारोबारियों की शिकायत होती थी कि कुछ बदलाव होने पर अधिकारी सर्च वारंट को अपने हिसाब से मैनुअली बदल लेते थे। इसकी वजह से जिन चीजों को सर्च के लिए जरूरी बताया जाता था, वे उसमें भी बदलाव कर लेते थे। इनकी शिकायतें होने के बाद अब बोर्ड ने कह दिया है कि जो भी सर्च वारंट जारी होगा उसके लिए जरूरी कारण बताने होंगे। इसके अलावा सर्च वारंट डिन के जरिए ही जारी होना चाहिए ताकि उसे बदला ना जा सके और जो अधिकारी चाहे डिन नंबर डालकर उसे तुरंत देख सके कि वास्तव में सर्च वारंट में क्या कहा गया था।
इसके साथ ही किसी सर्च वारंट पर यह पता चलता है कि जिसके नाम पर वह जारी हुआ है, उसका निधन हो चुका है तो उस सर्च वारंट पर उसके वारिसों पर छापा नहीं मारा जा सकता। अधिकारी को फिर से वारंट जारी कराना होगा और उसके लिए भी जरूरी कारण उच्चाधिकारी को बताने होंगे।