कानपुर के मदरसों व सरकारी स्कूलों में आनलाइन स्टडीज बनी मजाक, बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल

प्राइवेट स्कूल व मदरसों में तो आनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई लेकिन सरकारी स्कूल व मदरसों में बहुत कम छात्र ही पढाई में रूचि दिखा रहे हें। शहर के मदरसों में शिक्षक पहुंच रहे हैं लेकिन स्मार्ट फोन पर आनलाइन पढ़ाई के लिए छात्र उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:10 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:10 PM (IST)
कानपुर के मदरसों व सरकारी स्कूलों में आनलाइन स्टडीज बनी मजाक, बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल
मदरसों में आनलाइन पढ़ाई से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। स्कूलों व मदरसों में भले ही आनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हों लेकिन इस पर पूरी तरह अमल नहीं हो पा रहा है। सरकारी स्कूलों व मदरसों में न के बराबर पढ़ाई हो रही है। अब जुलाई से स्कूल खुलने के बाद नियमित रूप से पढ़ाई होने का अनुमान है।

कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल व मदरसे बंद चल रहे हैं। इनमें मई में आनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए थे। 

प्राइवेट स्कूल व मदरसों में तो आनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई, लेकिन सरकारी स्कूल व मदरसों में बहुत कम छात्र ही पढाई में रूचि दिखा रहे हें। शहर के मदरसों में शिक्षक पहुंच रहे हैं लेकिन स्मार्ट फोन पर आनलाइन पढ़ाई के लिए छात्र उपस्थित नहीं हो रहे हैं। कुछ दिन पहले मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता व सहायता प्राप्त कक्षा एक से 12 तक के मदरसों के साथ कामिल व फाजिल की आनलाइन कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए थे। 30 जून तक मदरसे बंद रहने के दौरान बच्चों को आनलाइन पढ़ाई कराने को कहा गया था। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया गया था कि मदरसों में आनलाइन कक्षाएं लगवाना सुनिश्चित करवाया जाए। इसके अंतर्गत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने सभी मान्यता प्राप्त व सहायता प्राप्त मदरसों के प्रधानाचार्यों को आनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि मदरसों में आनलाइन पढ़ाई न के बराबर होने से बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। 

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