संजीत हत्याकांड : अपहर्ताओं के ठिकानों का जायजा लेकर सीबीआइ को खटक रही एक बात
संजीत हत्याकांड में सीबीआइ ने जांच के दौरान कानपुर में अपहर्ताओं के सभी ठिकानों का जायजा लेने के साथ बैग फेंकने वाली जगह और पुल पर भी छानबनी की। एनकाउंटर स्पाट पर जाने के बाद सीबीआइ को एक बात खटकने लगी है।
कानपुर, जागरण संवादाता। संजीत अपहरण व हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने सोमवार को फिरौती देने वाले पुल के नीचे बैग गिरने वाले स्थान, अपहर्ताओं द्वारा पुल पर नजर रखने, भागने और फिरौती वाला मोबाइल फेंकने वाले नाले का जायजा लिया। छानबीन के बाद टीम यहां से निकल गई।
संजीत अपहरण कांड में गुजैनी नहर पुल के ऊपर से अपहर्ताओं ने रेलवे ट्रैक पर बैग गिरवाया था। गुजैनी पांडु नदी पुल पर अपहर्ता वहां से कुछ दूर गुजैनी अंबेडकर नगर से पतरसा को जाने वाले कच्चे रास्ते पर सीवर लाइन के टूटे सीमेंटेड पाइप पर बैठकर नजर बनाए हुए थे। यहीं से फोन काल भी की जा रही थीं। इस दौरान यहां रामजी को छोड़कर अन्य आरोपित मौजूद थे। रामजी का घर रेलवे ट्रैक से कुछ ही दूरी पर होने के चलते वह यहां नहीं आया था। वह बैग उठाने के लिए घर के इर्द गिर्द ही लगा था।
बैग गिरने के बाद अंबेडकर नगर से पतरसा जाने वाले कच्चे रास्ते से अपहर्ता सचेंडी की ओर से भागे थे। इसी रास्ते में पतरसा पुलिया पर फिरौती मांगने वाला मोबाइल तोड़कर फेंका था। पुलिस ने जांच के दौरान जो लिखा पढ़ी की थी, उसके आधार पर सीबीआइ टीम ने बैग को गिराने (पुल के नीचे), नजर रखने, और मोबाइल फेंकने वाले स्थानों को देखा।
एनकाउंटर स्पाट होने के बाद भी थे बेखौफ
सूत्रों के मुताबिक जहां पर फिरौती की रकम का बैग फेंका गया, उसके सामने की पट्टी में ही पुलिस का एनकाउंटर स्पाट था। इस घटना से कुछ दिन पहले यहां पुलिस ने मुठभेड़ में लुटेरे के पैर में गोली मारकर दबोचा था। पुलिस का अक्सर वहां मूवमेंट रहता था, इसकी जानकारी रामजी को थी। इसके बाद भी उसने फिरौती के लिए यही स्थान क्यों चुना, यह बात सीबीआइ को खटक रही है।