बिजली खरीद और राजस्व वसूली में एक रुपये प्रति यूनिट का घाटा, केस्को से होगी पूरी वसूली

ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रति यूनिट के घाटे का अंतर शून्य करने का लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में यूपीपीसीएल जितने की बिजली देगा उतने की ही वसूली केस्को से करेगा। इसके लिए केस्को ने भी तैयारी कर ली है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 12:59 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 12:59 PM (IST)
बिजली खरीद और राजस्व वसूली में एक रुपये प्रति यूनिट का घाटा, केस्को से होगी पूरी वसूली
कानपुर में केस्को पर पड़ सकती बिजली की मार।

कानपुर, जागरण संवाददाता। केस्को को जितने रुपये की बिजली मिलती है, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) उतने रुपये केस्को से वापस लेगा। यूपीपीसीएल ने केस्को को बिजली व वसूली में अंतर कम करने के निर्देश दिए हैं। केस्को को मिलने वाली बिजली व राजस्व वसूली कर यूपीपीसीएल को देने में एक रुपये का अंतर आता है। इस घाटे को कम करने के लिए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में केस्को को लक्ष्य दिया गया है।

सभी डिस्काम में राजस्व वसूली में केस्को प्रदेश में अव्वल है। केस्को का थ्रू रेट सबसे ज्यादा है। पिछले वर्ष के मुकाबले केस्को का थ्रू रेट बढ़ा है। वर्ष 2019-20 में यह 6.46 रुपये प्रति यूनिट था। वर्ष 2020-21 में बढ़कर 7.41 रुपये प्रति यूनिट हो गया। यूपीपीसीएल को सभी डिस्काम में सबसे अधिक लाभ केस्को से पहुंच रहा है। अब यूपीपीसीएल ने बिजली खरीद की कीमत व प्राप्त होने वाले राजस्व के बीच का अंतर शून्य करने के निर्देश दिए हैं।

क्या है थ्रू रेट : यूपीपीसीएल बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों से बिजली खरीद कर बिजली वितरण के लिए डिस्काम को देता है। डिस्काम बिजली बिल वसूल कर राजस्व यूपीपीसीएल को देता है। इसे थ्रू रेट कहा जाता है।

-केस्को का थ्रू रेट सभी डिस्काम में सबसे अधिक होने के बाद भी औसत बिजली खरीद की कीमत और औसत राजस्व में एक रुपये अंतर है। यूपीपीसीएल ने इसे शून्य करने के निर्देश दिए हैं। केस्को का वर्तमान समय में लगभग 15 फीसद लाइन लास है। केस्को लक्ष्य पूरा करने जुटा है। - संजय श्रीवास्तव, तकनीकी निदेशक, केस्को

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