कानपुर में लीकेज से रोज नालियों में बह जाता दस लाख लीटर पानी, अधिकारी दे रहे ये तर्क

रोजाना दस लाख लीटर पानी नाली व सड़क में बह जाता है। एक व्यक्ति को अनुमान 165 लीटर पानी की जरूरत होती है। इस हिसाब से लगभग छह हजार लोगों की प्यास बुझ सकती है। ये लीकेज जनता को तो दिखाई दे जाते हैं

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 01:10 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 01:10 PM (IST)
कानपुर में लीकेज से रोज नालियों में बह जाता दस लाख लीटर पानी, अधिकारी दे रहे ये तर्क
ये लीकेज जनता को तो दिखाई दे जाते हैं, लेकिन जल निगम को नहीं नजर आते

कानपुर, जेएनएन। जनता अब जल बर्बादी रोकने को लेकर जागरूक हो रही है, लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। जब जनता आंदोलन करती है तब अफसरों को लीकेज दिखाई देते हैं। रोज लीकेज के कारण दस लाख लीटर से ज्यादा पानी बह जाता है। इससे छह हजार लोगों की प्यास बुझ सकती है।

गंगा बैराज, लेनिन पार्क पीरोड, सर्वोदय नगर, काकादेव समेत कई जगह वाल्व में लीकेज के चलते दिनभर पानी बहता रहता है। रोजाना दस लाख लीटर पानी नाली व सड़क में बह जाता है। एक व्यक्ति को अनुमान 165 लीटर पानी की जरूरत होती है। इस हिसाब से लगभग छह हजार लोगों की प्यास बुझ सकती है। ये लीकेज जनता को तो दिखाई दे जाते हैं, लेकिन जल निगम को नहीं नजर आते।

इनका ये है कहना

सबमर्सिबल पंप एक बार सुबह चलता है। इस दौरान घर के काम और जरूरत के हिसाब से पानी भर लिया जाता है। इससे पानी की बर्बादी के साथ बिजली की बचत भी होती है।

                                                                              राधिका सतवानी, रतनलाल नगर

छतों पर और सड़कों के किनारे बह रहे वर्षा के जल को बिना बर्बाद किए एकत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। बड़ी इमारतों में वर्षा जलसंचयन सिस्टम लगाए जाएं ताकि भूगर्भ जल दुरुस्त रहे।

                                                                           दीप्ति मिश्रा, मसवानपुर दैनिक जीवन के उपयोग में पानी जितना आवश्यक होता है उतना ही इस्तेमाल करती हूं। एक सामाजिक जिम्मेदारी है जो ह सब को मिल कर उठानी चाहिए। इसके लिए लोगों को जागरूक करती हूं।

                                                                                        श्वेता, परेड

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और तालाबों व कुओं को साफ करा लिया जाए ताकि बारिश के पानी को नालियों में जाने से रोजा जा सके। वह घर में पानी बर्बाद होने नहीं देती और दूसरों को भी बताती हैं।                                                                                                डॉ. रेनू मिश्रा, विकास नगर लीकेज के चलते बहने वाले पानी को रोका जाए। आभारी हूं दैनिक जागरण की कि उन्होंने इस जरूरत को न सिर्फ समझा बल्कि एक मुहिम छेड़ दी है। लोग जल संरक्षण के प्रति जागरूक हो रहे हैं।

                                                                                            उमा गुप्ता, मालरोड

पंपिंग स्टेशनों से सभी घरों में जलापूर्ति की जाए। इससे सबमर्सिबल पंप कम चलेंगे तो भूगर्भ जल सुरक्षित रहेगा। वहीं बारिश के पानी को सहेजा जाए तो भूगर्भ जलस्तर भी बढ़ेगा।

                                                                                          कीर्ति, सिविल लाइंस 

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