कानपुर में लीकेज से रोज नालियों में बह जाता दस लाख लीटर पानी, अधिकारी दे रहे ये तर्क
रोजाना दस लाख लीटर पानी नाली व सड़क में बह जाता है। एक व्यक्ति को अनुमान 165 लीटर पानी की जरूरत होती है। इस हिसाब से लगभग छह हजार लोगों की प्यास बुझ सकती है। ये लीकेज जनता को तो दिखाई दे जाते हैं
कानपुर, जेएनएन। जनता अब जल बर्बादी रोकने को लेकर जागरूक हो रही है, लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। जब जनता आंदोलन करती है तब अफसरों को लीकेज दिखाई देते हैं। रोज लीकेज के कारण दस लाख लीटर से ज्यादा पानी बह जाता है। इससे छह हजार लोगों की प्यास बुझ सकती है।
गंगा बैराज, लेनिन पार्क पीरोड, सर्वोदय नगर, काकादेव समेत कई जगह वाल्व में लीकेज के चलते दिनभर पानी बहता रहता है। रोजाना दस लाख लीटर पानी नाली व सड़क में बह जाता है। एक व्यक्ति को अनुमान 165 लीटर पानी की जरूरत होती है। इस हिसाब से लगभग छह हजार लोगों की प्यास बुझ सकती है। ये लीकेज जनता को तो दिखाई दे जाते हैं, लेकिन जल निगम को नहीं नजर आते।
इनका ये है कहना
सबमर्सिबल पंप एक बार सुबह चलता है। इस दौरान घर के काम और जरूरत के हिसाब से पानी भर लिया जाता है। इससे पानी की बर्बादी के साथ बिजली की बचत भी होती है।राधिका सतवानी, रतनलाल नगर
दीप्ति मिश्रा, मसवानपुर दैनिक जीवन के उपयोग में पानी जितना आवश्यक होता है उतना ही इस्तेमाल करती हूं। एक सामाजिक जिम्मेदारी है जो ह सब को मिल कर उठानी चाहिए। इसके लिए लोगों को जागरूक करती हूं।
श्वेता, परेड
उमा गुप्ता, मालरोड
कीर्ति, सिविल लाइंस