आइआइटी से मोतीझील तक हर पांच मिनट में एक मेट्रो, नौ किमी के काॅरिडोर में चलेंगी आठ ट्रेनें

कानपुर के मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने मेट्रो का आइआइटी स्टेशन और डिपो का निरीक्षण किया। मेट्रो के प्रोजेक्ट निदेशक ने आइआइटी से मोतीझील तक नौ किमी कॉरीडोर में पड़ने वाले स्टेशन और ट्रेन संचालन के साथ हवा के साथ उड़ने वाली धूल के निस्तारण के बारे में बताया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 08:57 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 08:57 PM (IST)
आइआइटी से मोतीझील तक हर पांच मिनट में एक मेट्रो, नौ किमी के काॅरिडोर में चलेंगी आठ ट्रेनें
मंडलायुक्त ने आइआइटी से मोतीझील तक मेट्रो के कार्य का निरीक्षण किया।

कानपुर, जेएनएन। आइआइटी से मोतीझील के बीच स्टेशन पर हर पांच मिनट बाद एक मेट्रो यात्री के लिए आएगी। बुधवार को मेट्रो के निर्माणाधीन आइआइटी स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे मंडलायुक्त डॉ. राजेशखर को मेट्रो के प्रोजेक्ट निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि नौ किमी के कॉरीडोर में शुरुआती दौर में आठ ट्रेनें संचालित की जाएंगी। इसमें प्रत्येक स्टेशन पर अप-डाउन दोनों ओर से हर पांच मिनट बाद एक ट्रेन यात्री के लिए आएगी।

बुधवार को मंडलायुक्त राजशेखर ने मेट्रो के आइआइटी स्टेशन और डिपो का भी निरीक्षण किया। मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि निर्माण के दौरान हवा के साथ उड़ने वाली धूल को खत्म करने के लिए दो एंटी स्माॅग गन लगातार आइआइटी से मोतीझील के बीच काम करेंगी। साथ ही आठ टैंकरों के साथ 20 लोगों की टीम लगातार पानी का छिड़काव भी करती है।

मंडलायुक्त ने मेट्रो के अधिकारियों से प्रदूषण के साथ ट्रैफिक की चुनौतियों के बारे में भी पूछा। अधिकारियों ने बताया कि आइआइटी से मोतीझील के बीच सात स्टेशन और एक डिपो हैं। नौ किमी के कॉरीडोर में हर स्टेशन पर पांच मिनट में एक मेट्रो ट्रेन गुजरेगी। एक मेट्रो ट्रेन में एक हजार यात्रियों के बैठक ने की सुविधा होगी। इसके लिए बोगी और इंजन गुजरात के बाॅम्बार्डियर कंपनी के प्लांट में बनाए जा रहे हैं।

प्रोजेक्ट निदेशक ने बताया कि दिसंबर 2021 में मेट्रो चलाने के पूरे प्रयास हो रहे हैं। आइआइटी स्टेशन पर प्लेटफार्म का 33 फीसद और ट्रैक बीम का 70 फीसद कार्य पूरा हो गया है। मंडलायुक्त ने धूल से होने वाले प्रदूषण के संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि मेट्रो के पास तीन उच्च क्षमता वाले मिस्ट स्प्रेयर हैं जिनका 24 घंटे धूल को सेटल करने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही मैकेनाइज्ड ब्रूमर मशीन सड़क पर जमा होने वाली धूल, मिटटी की सफाई करती है। मेट्रो के कास्टिंग यार्ड व डिपो दोनों जगह से जो ट्रक व डंपर निकलते हैं, उन्हें सड़क पर जाने से पहले धोया जाता है ताकि मिट्टी सड़क तक ना पहुंचे।

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