रिटायर तो आदमी को उस दिन होना चाहिए... जब ऊपर वाले का बुलावा आ जाए, ये लाइन रामगोपाल में फिट बैठती
तीसरे खिलाड़ी तुषार यादव सेमीफाइनल तक पहुंचे। पिछले दिनों हुई नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता के परिणाम मंगलवार को जारी हुई। इसमें 65 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के मुकाबले में बसंत विहार निवासी 74 वर्षीय रामगोपाल बाजपेयी ने शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीता।
कानपुर, जेएनएन। रिटायर तो आदमी को उस दिन होना चाहिए... जब ऊपर वाले का बुलावा आ जाए...अवतार फिल्म में राजेश खन्ना का ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा। इसी से जीवन में उतार लिया कानपुर के 74 वर्षीय रामगोपाल बाजपेयी ने। अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद, उन्होंने अपनी दूसरी नई पारी शुरू कर दी। सेवानिवृत्ति के बाद नई पारी खेलने उतरे बुजुर्ग खिलाड़ी ने नेशनल पूमसे ताइक्वांडो प्रतियोगिता में धूम मचा दी। इंडिया ताइक्वांडो के तत्वावधान में आनलाइन हुई प्रतियोगिता में 74 वर्षीय रामगोपाल बाजपेयी स्वर्ण हासिल किया, जबकि 57 वर्षीय बलराम यादव कांस्य पदक जीते।
तीसरे खिलाड़ी तुषार यादव सेमीफाइनल तक पहुंचे। पिछले दिनों हुई नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता के परिणाम मंगलवार को जारी हुई। इसमें 65 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के मुकाबले में बसंत विहार निवासी 74 वर्षीय रामगोपाल बाजपेयी ने शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीता। वह टेलीफोन विभाग से सेवानिवृत्त हैैं। वहीं, अंडर-60 आयुवर्ग में शहर के ही बलराम यादव ने कांस्य पदक पर जीतकर कानपुर का मान बढ़ाया। हालांकि तीसरे खिलाड़ी के रूप में उप्र से खेल रहे तुषार अंडर-30 आयु वर्ग में सेमीफाइनल तक पहुंच सके। इससे पहले वे आनलाइन हुई वल्र्ड ताइक्वांडो ओसियाना चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।
लगातार छह बार नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिताएं जीत चुके रामगोपाल बाजपेयी ने बताया कि घर पर ही ताइक्वांडो की कलात्मक शैली की तैयारी कर रहे हैं। पिछले मुकाबलों के वीडियो देख कमियां दूर करने के लिए कई घंटे अभ्यास करते हैैं। उनके नाम वल्र्ड ताइक्वांडो, एशियन ताइक्वांडो के साथ कई बार राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पदक जीत चुके हैं।