ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही देखा होगा, नदी में डूबी वृद्धा डेढ़ घंटे बाद मिली जिंदा

बांदा से फतेहपुर तक यमुना नदी में दस किमी वृद्धा बहती रही और लोग शोर मचाते रहे।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 03 Oct 2019 01:11 PM (IST) Updated:Fri, 04 Oct 2019 02:18 PM (IST)
ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही देखा होगा, नदी में डूबी वृद्धा डेढ़ घंटे बाद मिली जिंदा
ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही देखा होगा, नदी में डूबी वृद्धा डेढ़ घंटे बाद मिली जिंदा

फतेहपुर, जेएनएन। ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही देखने को मिलता है कि नदी में डूबने वाला कोई व्यक्ति जिंदा बच जाए। जी हां, कुछ ऐसी ही घटना बांदा और फतेहपुर जनपद के बीच यमुना नदी में हुई। बांदा के गांव से यमुना नदी में वृद्धा दस किमी तक डेढ़ घंटे तक बहती रही और किनारे पर देखने वाले लोग शोर मचाते रहे। बहाव तेज होने पर उसे बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सके और बाद में वृद्धा फतेहपुर के एक गांव में नदी किनारे जा लगी। 

ये हुई घटना

बांदा के गुगौली-चिल्ला गांव में रहने वाली सत्तर वर्षीय कलावती बुधवार की दोपहर बाद करीब तीन बजे यमुना नदी पर स्नान करने गईं थीं। उंचाई पर चप्पल, डंडा और कपड़े रखकर स्नान करने लगीं। इस बीच नदी के तेज बहाव में वह बह गईं। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया लेकिन तेज बहाव में दूर बह जाने के कारण उनके बचने की उम्मीद छोड़ दी। परिजनों को जानकारी हुई तो वे भी यमुना नदी किनारे पहुंच गए। इधर, नदी के बीच धारा में बह रही वृद्धा को किनारे पर मौजूद जिस व्यक्ति ने देखा शोर मचाता रहा।

दस किमी डेढ़ घंटे तक बही कलावती

दोपहर तीन बजे चिल्ला गांव से कलावती डेढ़ घंटे तक दस किमी यमुना में जिंदा बहने के बाद फतेहपुर के कुर्राकनक गांव के किनारे पर शाम करीब साढ़े चार बजे गांव के बसंत सिंह को दिखाई दीं। उन्होंने नदी में छलांग लगाकर उन्हें बाहर निकाला। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों के देखने पर उनकी सांसे चल रही थीं और वो बोल रही थी। आग की गर्माहाट देकर शरीर का तापमान सामान्य करने के बाद कलावती ने पूरी घटना और गांव का नाम बताया। ग्रामीणों ने प्रधान व पुलिस को सूचना दी। चौकी प्रभारी प्रेमपाल ने थाना चिल्ला को सूचना दी।

आस छोड़ चुके थे परिजन

वृद्धा के काफी देर घर न पहुंचने पर परिजनों को खोजबीन करते हुए नदी किनारे कपड़े व डंडा रखा मिला था। इसपर परिजन कलावती के नदी में बह जाने की आशंका जता तेज बहाव देखकर जिंदा बचने की आस छोड़ चुके थे। वहीं कुछ ग्रामीणों ने किसी के बहने की जानकारी दी थी। देर शाम जब ग्रामीणों और परिजनों को कलावती के यमुना में बहते हुए फतेहपुर के गांव में जिंदा मिलने की जानकारी हुई तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिजन और ग्रामीण भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहते रहे कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय...। इसके बाद परिवार के सत्यनारायण त्रिवेदी यमुना पार गांव पहुंचे और देर रात पुलिस ने कलावती को उनके सुपुर्द किया।

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