कानपुर में वर्क फ्रॉम होम बन रहा एम्प्लायज के लिए मुसीबत, तेजी से खराब हो रहे लैपटॉप और मोबाइल
काेराेना की रोकथाम के लिए बचे एकमात्र लाकडाउन के विकल्प को अपनाते हुए सरकार ने कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद अधिकतर कार्यालयों के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं वहीं बच्चों की ऑनलाइन कक्षा भी घर से चल रही है।
कानपुर, जेएनएन। कम्युनिटी ट्रांसमिशन न हो इसके लिए सरकार ने लाकडाउन घोषित कर दिया। जिसके बाद ज्यादातर कार्यालयों के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। घर से काम करने में जहां खर्चा बढ़ गया है कि वहीं बच्चों की ऑनलाइन क्लास के चलते लैपटॉप और मोबाइल भी ज्यादा तेजी से खराब हो रहे हैं।
काेराेना की रोकथाम के लिए बचे एकमात्र लाकडाउन के विकल्प को अपनाते हुए सरकार ने कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद अधिकतर कार्यालयों के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं, वहीं बच्चों की ऑनलाइन कक्षा भी घर से चल रही है। हर दिन गैजेट्स का अधिकतम प्रयोग होने के चलते अब वह भी जल्दी खराब हो रहे हैं जो लोगों की समस्या के साथ ही उनका खर्च भी बढ़ा रहे हैं। राखी मंडी के अमन वर्मा निजी कंपनी में काम करते हैं। लाकडाउन में कंपनी ने उन्हें कुछ दिन घर से काम करने के निर्देश दिए। अब उनके सामने बड़ी समस्या थी कि सबसे पहले उन्होंने वाई फाई लगवाया। इसके बाद एक लैपटॉप खरीदकर लाए। चूंकि बेटी मां के फोन से ही ऑनलाइन पढ़ाई करती थी। लगातार प्रयोग से मोबाइल फोन में आवाज न आने की समस्या खड़ी हो गई थी। जिसके बाद अब अमन ने अपने लिए लैपटॉप के साथ ही बिटिया को पढ़ाई करने के लिए अलग से मोबाइल फोन लेकर दिया। अमन बताते हैं कि लैपटॉप के साथ नया मोबाइल और वाई फाई का खर्च आधे माह का वेतन ले जाएगा। वर्क फ्रॉम होम ने खर्च बढ़ा दिया है।