कानपुर और आसपास के जिलों में बढ़ेंगे यादवों से जुड़े सम्मेलनों की संख्या, सपा को टक्कर देने काे तैयार भाजपा

UP Vidhansabha Chunav 2022 चौधरी हरमोहन सिंह यादव ने देश में यादवों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की काफी पैठ बनवाई। हरमोहन ङ्क्षसह यादव देश भर की यादव महासभा के अध्यक्ष थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:45 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:31 PM (IST)
कानपुर और आसपास के जिलों में बढ़ेंगे यादवों से जुड़े सम्मेलनों की संख्या, सपा को टक्कर देने काे तैयार भाजपा
भाजपा की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के यादव वोट बैंक को भारतीय जनता पार्टी ने तगड़ा झटका दिया है। यह झटका सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं रहा, इसका संदेश दूसरे राज्यों तक गया है। चौधरी हरमोहन ङ्क्षसह यादव जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेने आए 14 राज्यों के यादव महासभा के प्रतिनिधि मंगलवार को एक नया संदेश लेकर वापस लौटे। वहीं भाजपा मेहरबान ङ्क्षसह का पुरवा के गढ़ को तोडऩे के बाद कानपुर और आसपास यादवों के और भी सम्मेलन करने की तैयारी में जुट गई है। 

चौधरी हरमोहन सिंह यादव ने देश में यादवों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की काफी पैठ बनवाई। हरमोहन सिंह यादव देश भर की यादव महासभा के अध्यक्ष थे और जब वे दूसरे राज्यों में जाते थे तो मुलायम सिंह यादव को साथ ले जाते थे। खुद सपा के राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह यादव ने सोमवार को मंच से इसकी पुष्टि की थी। हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होने आए लोगों के मुताबिक पहले जब हरमोहन सिंह यादव मेहरबान सिंह का पुरवा में यादव महासभा से जुड़े कार्यक्रम में देश भर से लोगों को बुलाते थे तो मुलायम सिंह यादव भी आते थे। ये लोग जब वापस लौटते थे तो समाज के लिए संदेश लेकर जाते थे लेकिन इस बार संदेश अलग था। इस बार मुलायम सिंह यादव नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ङ्क्षसह थे। भाजपा नेताओं के मुताबिक अब जब ये अपने राज्यों में जा रहे हैं तो इसका संदेश अलग ही होगा। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि जल्दी ही इसका असर दिखने लगेगा। इसके साथ ही कानपुर और आसपास के जिलों में यादवों के सम्मेलन भी बढ़ेंगे। उनके पास यादव नेताओं में से ही लोग होंगे जो सपा के खिलाफ खुलकर उनके ही क्षेत्र में बोल सकेंगे। 

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