अब सिलाई हुनरमंदों को नहीं रहना पड़ेगा दूसरे राज्यों पर आश्रित, शहर का होजरी क्लस्टर देगा रोजगार

उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम व फोमा पदाधिकारियों एवं सदस्यों के साथ बैठक में तय होगी रणनीति कानपुर होजरी सिलाई एसोसिएशन के सदस्यों से होजरी उद्यमी राय लेने के बाद योजना प्रस्तुत करेंगे सोमवार को होने जा रही बैठक।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 05:50 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:50 PM (IST)
अब सिलाई हुनरमंदों को नहीं रहना पड़ेगा दूसरे राज्यों पर आश्रित, शहर का होजरी क्लस्टर देगा रोजगार
शहर में सिलाई क्लस्टर से अपनी जीविका चला सकेंगे सिलाई हुनरमंद

कानपुर, जेएनएन।  कोरोना वायरस से बचाव के इंतजाम के साथ शहर के उद्योग धंधे पटरी पर लौट आए हैं। इनमें एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत इस वर्ष चयनित होजरी उद्योग ने सिलाई क्लस्टर बनाए जाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए है। इससे 20 हजार से अधिक सिलाई हुनरमंदों को रोजगार मिलेगा। सिलाई क्लस्टर बनाए जाने पर सहमति बन चुकी है इसे मूर्त रूप देने के लिए उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम यूपीएसआइसी व फेडरेशन ऑफ होजरी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन फोमा के बीच सोमवार को बैठक होने जा रही है। इस मसले पर गुरुवार को संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला के साथ फोमा के उत्तर भारत के संयुक्त सचिव व होजरी उद्यमी बलराम नरूला ने वार्ता की।

शहर में 500 से अधिक होजरी व टेक्स्टाइल की औद्योगिक इकाइयां हैं जिनमें लॉकडाउन के बाद दोबारा उत्पादन शुरू हो चुका है। एक जिला एक उत्पाद में इसे शामिल करने के बाद संभावनाएं और बढ़ गई हैं। उद्यमियों का कहना है कि सरकार अगर साथ दे तो दूसरे प्रदेशों से लौटकर आने वाले कुशल वस्त्र उद्योग कामगारों को यहीं पर अच्छा रोजगार मिल सकता है। एक जिला एक उत्पादन के अंतर्गत उद्योग स्थापित होने पर कम से कम 50 हजार कारीगरों व श्रमिकों के लिए यहां अवसर होंगे।

प्रवासी कामगारों को मिलेगा लाभ

संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला का कहना है कि इसका लाभ उन प्रवासी कामगारों को भी मिलेगा जिन्हेंं लॉकडाउन में अपना कामकाज छोड़कर घर लौटना पड़ा। कानपुर होजरी सिलाई एसोसिएशन के सदस्यों के साथ होजरी उद्यमी इस पर अपनी राय बनाने के बाद विस्तृत योजना प्रस्तुत करें। उद्योग विभाग उनकी जरूरतों को पूरा करेगा।

उद्यमियों को मिलेगा मंच, हुनरमंदों को रोजगार

होजरी उद्यमी बलराम नरूला ने बताया कि शहर के होजरी व कपड़ा उद्योग की देशभर में मिसाल दी जाती है। अब इसे ओडीओपी में शामिल कर लिया गया है जिससे संभावनाएं और बढ़ गई हैं। सिलाई क्लस्टर स्थापित होने से कानपुर के कामगारों को दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं होगी। शहर में उनके लिए इतना काम होगा कि वह आसानी से अपनी जीविका चला सकेंगे।

इनका ये है कहना

सिलाई क्लस्टर स्थापित किए जाने के लिए यूपीएसआइसी मदद करेगी। सिलाई हुनरमंद व इसके जानकारों को अपना काम करने के लिए छोटे छोटे स्थान दिए जाएंगे। इसका लाभ उन्हेंं मिलेगा। - नादर्न इंडिया होजरी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष

 

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