Kanpur Vikas Pradhikaran: रसीद खो जाए तो नो टेंशन, अब एक क्लिक पर दिखेगा संपत्ति पर जमा किस्त का ब्योरा
कानपुर विकास प्राधिकरण में संपत्ति की जमा किस्त की एक रसीद खो जाने पर आवंटी के लिए मुसीबत हो जाती है और उसे फिर किस्त जमा करनी पड़ती है। इस समस्या और रजिस्ट्री के फर्जीवाड़े को देखते हुए अब केडीए में एक जगह पूरा लेखाजोखा रखा जा रहा है।
कानपुर, जेएनएन। केडीए की संपत्तियों के सत्यापन के लिए आवंटियों को प्राधिकरण के चक्कर लगाने पड़ते हैैं। एक भी रसीद खो जाए तो फिर आवंटी को ही किस्त जमा करनी पड़ती है। साथ ही फर्जी रसीद लगाकर रजिस्ट्री हो जाती है। इसको रोकने के लिए उपाध्यक्ष ने संपत्तियों के लिए जमा होने वाली किस्त का लेखा जोखा एक जगह करने की तैयारी की है। इसके लिए आवंटियों का बैंक में एक आईडी नंबर बनेगा। कंप्यूटर में एक क्लिक करने पर आवंटी की केडीए में जमा सारी किस्त दिख जाएगी। कब-कब कौन सी रसीद जमा की गई है देरी से जमा हो तो वह भी पता चल जाएगा। इसके अलावा फर्जी रसीद लगाकर रजिस्ट्री पर भी अंकुश लगेगा।
इसका असर फर्जी रजिस्ट्री करने वाले सक्रिय रैकेट पर भी पड़ेगा। अभी फर्जी रसीद लगाकर दस्तावेज तैयार कर लेते हैैं। पुरानी होने के कारण बैंकों में भी रिकार्ड नहीं मिल पाता है। इस व्यवस्था के बाद खेल नहीं हो पाएगा। इसको लेकर बैंक अफसरों के साथ उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बातचीत की। कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
अभी ऐसे किस्तों का सत्यापन होता है : केडीए में आवंटित संपत्तियों के मद में जमा धनराशि का सत्यापन प्राधिकरण के लेखा विभाग में होता है। इसके लिए हर वर्ष का रजिस्ट्री चेक की जाती है। रसीद गायब होने पर आवंटी को भुगतना पड़ता है। फिर से ब्याज सहित किस्त जमा कराता है। सत्यापन में कई माह लग जाता है।
नई व्यवस्था में होगा जल्दी : नई व्यवस्था लागू होने पर एक दिन में ही सत्यापन हो जाएगा। आवंटी की बैंक से मिली आईडी के माध्यम से सारी किस्तों का सत्यापन एक बार में हो जाएगा। रजिस्ट्री के लिए कई माह चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।