बीटीसी-डीएलएड में प्रवेश लेने वालों के लिए खुशखबरी, अब लिखित परीक्षा से मिल सकता दाखिला
कानपुर जिले के 55 कॉलेजों में करीब छह हजार छात्र-छात्राएं हर साल प्रवेश लेते हैं। पिछले करीब 10 साल से मेरिट के आधार पर कॉलेजों में दाखिला दिया जा रहा है इससे कई छात्रों काे मायूसी मिल रही थी।
कानपुर, जेएनएन। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन यानि डीएलएड में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए राहतभरी खबर है। अभी तक मेरिट के आधार पर चयन होने से मायूस रहने वाले छात्र अब अपनी बुद्धि परीक्षा से दाखिला ले सकेंगे। प्रवेश के लिए अब लिखित परीक्षा कराने की तैयारी हो रही है, इसका सीधा लाभ छात्र-छात्राओं को मिलने वाला है।
सत्र 2021 में डीएलएड में अब उन छात्र-छात्राओं को भी प्रवेश का मौका मिल सकेगा, जो मेरिट के आधार पर दाखिला होने के चलते कम अंकों की वजह से वंचित रह जाती थीं। दरअसल इस सत्र में जो प्रवेश होंगे, उन्हें लिखित परीक्षा के आधार पर कराने की तैयारी है। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से शासन में प्रस्ताव भेजा गया है। यह जानकारी एससीईआरटी के निदेशक डॉ.सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी व अन्य पदाधिकारियों को दी थी। संगठन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने कहा कि अगर लिखित परीक्षा से प्रवेश होंगे, तो निश्चित तौर पर छात्र-छात्राएं अपनी मेधा से प्रवेश हासिल कर सकेंगे।
जिले में हर साल होते हैं 5500-6000 प्रवेश
जिले में हर साल डीएलएड व बीटीसी में 5500-6000 छात्र-छात्राएं प्रवेश लेते हैं। जिले में कुल कॉलेजों की संख्या भी 55 है। हर कॉलेज को 100 सीटों पर प्रवेश के निर्देश परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से दिए जाते हैं। इनमें 50 सीटें छात्राओं व 50 सीटें छात्रों के लिए होती हैं।
शू्न्य हो सकता 2020 का सत्र, 2021 से बंधी उम्मीदें
सत्र 2020 में सत्र शून्य हो सकता है। क्योंकि अभी तक सत्र 2020 के प्रथम वर्ष में प्रवेश नहीं हुए। अब छात्र-छात्राओं को सत्र 2021 से ही उम्मीदें हैं।