नहीं मिली एंबुलेंस, खुद के वाहन से अस्पताल पहुंचे संक्रमित

मंडलायुक्त डॉ. राजशेख्रर ने मरीजों को फोन कर स्वयं उनका हालचाल पूछा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 02:21 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 02:21 AM (IST)
नहीं मिली एंबुलेंस, खुद के वाहन से अस्पताल पहुंचे संक्रमित
नहीं मिली एंबुलेंस, खुद के वाहन से अस्पताल पहुंचे संक्रमित

जागरण संवाददाता, कानपुर : हैलो, मैं कमिश्नर कानपुर बोल रहा हूं। आप कोरोना संक्रमित हैं। आपको अस्पताल ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस मिली। नहीं सर, एंबुलेंस नहीं मिली, इसीलिए खुद के वाहन से अस्पताल आया हूं। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने रविवार को नगर निगम स्थित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से 12 मरीजों को फोन किया तो उनमें से आधे लोगों ने यही कहा कि उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। दो ने कहा, एंबुलेंस आई पर देर से। नाराज मंडलायुक्त ने अफसरों से कहा कि एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम बढ़ाया जाए। मरीजों को समय से अस्पताल में भर्ती कराया जाए ताकि उन्हें जल्द उपचार मिल सके।

मंडलायुक्त ने सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता से कहा कि कमांड सेंटर की कार्यक्षमता और क्रियाशीलता दोनों संतोषजनक नहीं है। इसमें तत्काल सुधार करें। उन्होंने चार टेलीफोन लाइनों को अपर्याप्त बताया और कहा कि इसे बढ़ाकर 24 घंटे मे 10 किया जाए। अतिरिक्त लाइनों को संभालने के लिए कर्मचारियों की तैनाती का आदेश दिया। उन्होंने हर चार घंटे में बेड की स्थिति अपडेट करने के निर्देश दिए। कहा कि कंट्रोल रूम को पता होना चाहिए कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं और कितने भरे हैं। डीएम, सीडीओ व सीएमओ सभी कोविड अस्पताल प्रभारियों की बैठक बुलाएं और बेड की स्थिति अपडेट करने को कहें। मंडलायुक्त ने कोविड अस्पतालों में 24 घंटे चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा। प्रत्येक अस्पताल में निगरानी के लिए एक मजिस्ट्रेट तैनात करने के निर्देश दिए।

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मरीजों से नहीं होती बात

मंडलायुक्त ने पाया कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों से कंट्रोल रूम से संवाद स्थापित नहीं किया जा रहा है। जब उन्होंने पूछा तो सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में होने के कारण दिक्कत हुई है। मंडलायुक्त ने कहा कि जो कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं हैं उन्हें तैनात करें और मरीजों से उनकी स्थिति के बारे में पूछते रहें। कहा कि डीएम व सीडीओ कंट्रोल रूम सेवा प्रदाता कंपनी के कार्यों के कार्यों की निगरानी भी करें। यह कार्य सप्ताह में कम से कम दो घंटे किया जाए।

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अनुपस्थित कर्मचारियों को दी जाएगी नोटिस

कंट्रोल में एक सप्ताह में आधे से कम कर्मचारी काम कर रहे हैं। मंडलायुक्त ने नाराजगी जताते हुए कहा, प्रभारी अधिकारी अपने कार्य ठीक से नहीं कर रहे। निगरानी होती तो ऐसा न होता। अनुपस्थित कर्मचारियों को डीएम नोटिस जारी करें और आवश्यकता पड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करें।

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