New Rules For Industry: नए श्रम कानूनों में अब 500 श्रमिकों पर एक सेफ्टी ऑफीसर जरूरी

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए श्रम कानूनों के तहत औद्योगिक प्रतिष्ठानों और फैक्ट्रियों में बदलाव नजर आए। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अभी दो हजार श्रमिकों पर एक सेफ्टी ऑफीसर की तैनाती का प्रावधान था ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:59 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 06:59 AM (IST)
New Rules For Industry: नए श्रम कानूनों में अब 500 श्रमिकों पर एक सेफ्टी ऑफीसर जरूरी
औद्योगिक प्रतिष्ठानों को नए कानूनों का पालन करना होगा।

कानपुर, [समीर दीक्षित]। अब 500 श्रमिकों वाले औद्योगिक इकाइयों, प्रतिष्ठानों व कारखानों में एक सेफ्टी ऑफीसर की नियुक्ति अनिवार्य होगी। केंद्र सरकार ने श्रम कानून तैयार कर दिया है, अब राज्यों को इसका क्रियान्वयन करना है।

ये कानून इसलिए बनाया गया है, क्योंकि ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां, प्रतिष्ठान, कारखाना व अन्य संस्थान सेफ्टी ऑफीसर के नियम की अनदेखी करते हैं। हादसा होने पर संचालक सेफ्टी ऑफीसर न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। इसीलिए सरकार ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कानून लाई है। इसे पहले से लागू 13 अध्यादेशों को मिलाकर तैयार किया गया है। इससे निकट भविष्य में कई बदलाव दिखेंगे।

यहां हर 10 श्रमिक पर सेफ्टी ऑफीसर

क्षेत्रीय श्रम संस्थान के अफसर बताते हैं कि तमाम इकाइयों में खतरनाक प्रक्रिया के बीच पर्यवेक्षक काम करते हैं। इनमें तो हर 10 श्रमिक पर एक सेफ्टी ऑफिसर की जरूरत होती है। जैसे-जैसे श्रमिकों की संख्या बढ़ती है, उसी अनुपात में सेफ्टी ऑफीसर की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। अब हर 500 कर्मी वाले उद्योग को बी.टेक अर्हता वाले व्यक्ति को सेफ्टी आफीसर रखना होगा। यह बिल 2019 में तैयार हुआ था जबकि सितंबर 2020 में पारित हो चुका है।

अभी ये है व्यवस्था

केंद्र सरकार के नए श्रम कानून का क्रियान्वयन अभी किया जाना है। अभी तक जो कानून बने हैं, उनके मुताबिक औद्योगिक इकाइयों, प्रतिष्ठानों, कारखानों में दो हजार श्रमिकों पर एक, चार हजार श्रमिकों पर दो, छह हजार पर तीन और आठ हजार श्रमिकों पर चार सेफ्टी ऑफीसर कार्यरत होने चाहिए। केंद्र सरकार के श्रम कानून में नई व्यवस्था के तहत 500 श्रमिकों पर ही एक सेफ्टी ऑफीसर की जरूरत होगी। हालांकि, अभी इस पर राज्यों को अंतिम फैसला लेना है। इसके बाद बिल लागू होगा। -डॉ. अर्कप्रभ सउ, उप निदेशक (चिकित्सा) क्षेत्रीय श्रम संस्थान।

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