New Kanpur City में पांच गांवों के 50 हेक्टेयर जमीन पर होगा पहला सेक्टर, केडीए बोर्ड की मंजूरी का इंतजार

कानपुर विकास प्राधिकरण बोर्ड की तीन अगस्त को होने वाली बैठक में न्यू कानपुर सिटी के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा इसमें किसानों से भूमि लेने के लिए तीन विकल्प होंगे। बोर्ड बैठक में मंजूरी के बाद काम की शुरुआत की जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 08:56 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 08:56 AM (IST)
New Kanpur City में पांच गांवों के 50 हेक्टेयर जमीन पर होगा पहला सेक्टर, केडीए बोर्ड की मंजूरी का इंतजार
कानपुर न्यू सिटी को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू।

कानपुर, जेएनएन। न्यू कानपुर सिटी को धरातल में लाने के लिए केडीए योजना को सेक्टर वाइज विकसित करने जा रहा है। पहला सेक्टर 50 हेक्टेयर में लाया जा रहा है। इसे पांच गावों की सीमा को मिलाकर बनाया जाएगा। इसमें सात हेक्टेयर जमीन किसानों की आ रही है। किसानों से जमीन लेने को तीन विकल्प रखे जाएंगे। प्रस्ताव तैयार कर तीन अगस्त को केडीए बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। बोर्ड की मुहर लगने के बाद काम शुरू होगा। दूसरा सेक्टर 30 हेक्टेयर में लाया जाएगा।

केडीए ने न्यू कानपुर सिटी योजना वर्ष 1996 में लांच की थी, लेकिन बाद में कागजों में दब गई। केडीए ने 11 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की थी, इसमें भी कई हेक्टेयर जमीन किसानों ने ले ली। अब बची जमीन पर केडीए योजना लाने की तैयारी कर रहा है। दैनिक जागरण ने पिछले दिनों राजफाश किया था कि बची जमीन पर भी कब्जे हो रहे हैं। इसको लेकर 26 मार्च को हुई केडीए बोर्ड बैठक में मंडलायुक्त ने आदेश दिए थे कि न्यू कानपुर सिटी की जमीन का सर्वे करके योजना लाई जाए और नक्शा पास करने पर लगी रोक के बाद भी कैसे निर्माण हो गए, इसको लेकर दस्ते में शामिल अभियंताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

तहसीलदार अजीत सिंह की अगुवाई में चार अमीनों की टीम ने पिछले दिनों जमीन का सर्वे किया। उसमें तय किया गया कि गंगपुर चकबदा, ङ्क्षहदूपुर, संभलपुर, बैरी अकबरपुर कछार और सिंहपुर कछार गांवों को मिलाकर सेक्टर प्रथम लाया जा रहा है। यह 50 हेक्टेयर का है। इसमें सात हेक्टेयर जमीन किसानों की है। किसानों से जमीन लेने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव रखा जा रहा है। इसमें तीन विकल्प है। बोर्ड की स्वीकृति के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ये हैं विकल्प

-पहला विकल्प किसान सीधे भूमि अधिग्रहण के नियमों के तहत जमीन केडीए के नाम रजिस्ट्री कर दें।

-दूसरा विकल्प किसान इस जमीन के बदले दूसरी जगह केडीए से जगह ले ले।

-तीसरा विकल्प किसान की जमीन केडीए विकसित करके दे देगा। इसमें सड़क, ड्रेनेज सिस्टम और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।

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