Kanpur CMO का सामने आया नया कारनामा, पीडि़त का बिना पक्ष जाने ही अस्पताल को दे दी Clean chit

बर्रा के हेमंत विहार निवासी बंसी गुप्ता के पुत्र पंकज गुप्ता कोरोना संक्रमित हो गए थे। उन्हेें इलाज के लिए कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह दिनांक 13 अप्रैल को भर्ती हुए और 24 अप्रैल को डिस्चार्ज किए।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:45 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:45 AM (IST)
Kanpur CMO का सामने आया नया कारनामा, पीडि़त का बिना पक्ष जाने ही अस्पताल को दे दी Clean chit
सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने भी पीडि़त का पक्ष जाने बिना ही अस्पताल के पक्ष में जांच निपटा दी

कानपुर, जेएनएन। जिले के स्वास्थ्य महकमे की कमान संभालने वाले सीएमओ को जनता की परेशानियों और उनके साथ इलाज के नाम पर हो रही लूट खसोट से कोई लेना देना नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित के तीमारदार द्वारा की गई ओवरबिलिंग की शिकायत इसकी बानगी है। मामला कल्याणपुर स्थित एक निजी अस्पताल का है, जिसकी शिकायत केंद्र सरकार से की गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय से डीएम को मामले की जांच के निर्देश मिले और उन्होंने इसकी जिम्मेदारी सीएमओ को दे दी। सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने भी पीडि़त का पक्ष जाने बिना ही अस्पताल के पक्ष में जांच निपटा दी।

बर्रा के हेमंत विहार निवासी बंसी गुप्ता के पुत्र पंकज गुप्ता कोरोना संक्रमित हो गए थे। उन्हेें इलाज के लिए कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह दिनांक 13 अप्रैल को भर्ती हुए और 24 अप्रैल को डिस्चार्ज किए। इलाज के नाम पर बिल 3 लाख 32 हजार रुपये का बनाया गया। निर्धारित शुल्क से अधिक बिल पर उनके भाई नीरज गुप्ता ने केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग में 22 जून को शिकायत की थी। वहां से जांच मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई। सीएम कार्यालय के संयुक्त सचिव भास्कर पांडेय ने 15 जुलाई को कानपुर के जिलाधिकारी को शिकायत भेजकर जांच के निर्देश दिए। डीएम आलोक तिवारी ने इसकी जिम्मेदारी सीएमओ डा. नैपाल सिंह को दी। सीएमओ ने 31 जुलाई को पत्र लिखकर डीएम को जांच पूरी होने की सूचना दी। एक अगस्त को नीरज के मोबाइल पर शिकायत निस्तारित होने का संदेश आया।

     इनका ये है कहना

सीएमओ ने फर्जी आख्या लगा कर शिकायत निस्तारित की है। उन्होंने मुझसे किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की। न ही किसी प्रकार का साक्ष्य मांगा। निस्तारण के फर्जीवाड़े की शिकायत डीएम, मुख्यमंत्री एवं केंद्र सरकार से की है। - नीरज गुप्ता, शिकायतकर्ता


अगर शिकायतकर्ता को जांच में किसी तरह का संदेह है तो वह कार्यालय आकर शिकायत के संदर्भ में अपना पक्ष लिखित में दे सकते हैं। अगर किसी लिपिक ने ऐसी हरकत की है तो उसके खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।- डा. नैपाल सिंह, सीएमओ कानपुर नगर 
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