बहुत शातिर है Coronavirus का डेल्टा प्लस वैरिएंट, इम्यून सिस्टम को चकमा देकर करता है हमला

कोरोना वायरस अब रूप बदलने लगा है विश्व में 156 डेल्टा वायरस के संक्रमितों के सैंपल की जीन सिक्वेंसिंग की गई है। उसमें देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के आठ केस मिले हैं। नया वैरिएंट और ज्यादा घातक हो गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:44 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:57 PM (IST)
बहुत शातिर है Coronavirus का डेल्टा प्लस वैरिएंट, इम्यून सिस्टम को चकमा देकर करता है हमला
देश में अबतक मिले नए वैरिएंट के आठ केस।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस का डेल्टा वायरस म्यूटेंट करके डेल्टा प्लस वैरिएंट बन गया है। कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट ने देश में दस्तक दे दी है। जीन स्क्वेंसिंग में देश कई हिस्सों में आठ केस मिले हैं। यह वायरस बहुत ही शातिर है और शरीर के इम्यून सिस्टम को चकमा देकर हमला करने में भी कामयाब हो रहा है। शरीर की एंटीबाडी इसे पहचान नहीं पाती है, जिससे यह घातक साबित हो रहा है। डेल्टा के मुकाबले यह वैरिएंट 50 गुना अधिक घातक और आक्रामक है।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वायसर के कई रूप देखने को मिल रहे हैं। समय समय पर इसका बदला वैरिएंट हमला कर रहा है, अब जब तीसरी लहर की संभावना के दरमियान नया वैरिएंट सामने आया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. विकास मिश्रा ने बताया कि विश्व में 156 डेल्टा वायरस के संक्रमितों के सैंपल की जीन सिक्वेंसिंग की गई है। उसमें देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के आठ केस मिले हैं, जिसमें तामिलनाडु में तीन केस मिले हैं, जबकि आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र व उड़ीसा में एक-एक केस मिले हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन में बदलाव हुआ है।

वैक्सीन की सिंगल डोज लगवाने वालों के लिए घातक

ब्रिटेन के पब्लिक हेल्थ विभाग का कहना है कि वैक्सीन की दोनो डोज लगवाने वाले सुरक्षित हैं। उनका डेल्टा प्लस वैरिएंट से 88 फीसद तक सुरक्षा संभव है। जिन लोगों ने वैक्सीन की सिर्फ एक ही डोज लगवाई है, वह सिर्फ 33.5 फीसद तक सुरक्षित हैं। इसलिए वैक्सीनेशन में लापरवाही न बरतें, समय पर दोनों डोज लगवाएं।

बहुरूपिया है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस अब बहुरूपिया हो गया है। इसके बाद डबल म्यूटेंट डेल्टा वैरिएंट का असर भी सामने आ चुका है। अमेरिका और ब्रिटेन के शोध में सामने आया कि कोरोना के नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन यानी एमिनो एसिड में बदलाव (484 पोजिशन ) हुआ। वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिटेन में पुराने वैरिएंट को खत्म कर नए वैरिएंट ने उसकी जगह ले ली है और तीसरी लहर की आशंका बन गई है।

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