National Youth Day: ये है चित्रकूट का यूथ-30, खुद की जिंदगी दांव पर लगा बना संकटमोचक
बिहार में जिस तरह सुपर-30 को शिक्षा के लिए पहचाना जाता है वैसे चित्रकूट में युवाओं की एक टोली यूथ-30 ने गरीबों की मदद के लिए शोहरत हासिल की है। कोरोना काल से अबतक खुद के चंदे से जुटाए संसाधनों से गरीबों का पेट भर रहे हैं।
चित्रकूट, हेमराज कश्यप। 'चित्रकूट मा रमि रहे रहिमन अवध नरेश, जा पर विपदा परति है सो आवत यहि देश। रहीमदास का यह दोहा प्रभु श्रीराम की तपोभूमि की महत्ता बताने को काफी है। देश के बिहार में शिक्षा को लेकर सुपर-30 ने शोहरत पाई तो उसी तर्ज पर यहां के यूथ-30 कोरोना काल में खुद की जिंदगी को दांव पर लगा गरीबों के लिए संकटमोचक बने। इनके संकल्प और जज्बे ने किसी को भूखे नहीं सोने दिया। चाहे वो इंसान हों या बेजुबान जानवर, सभी का पेट भरा। सबने मिलकर चंदा इकट्ठा किया और सीता रसोई खोलकर तीन माह तक गरीबों को भोजन कराया।
कोरोना काल में तमाम लोगों के रोजगार छिन गए, काम बंद हो गए। ऐसे में रोजमर्रा के कमाने-खाने वाले मुसीबत में फंसे। हालांकि, सरकार ने खाद्यान्न वितरित कराया। इसी बीच कर्वी मुख्यालय के 30 युवाओं की टोली ने खुद के जेब खर्च से कटौती करके सीता रसोई खोली। प्रतिदिन रोटी-सब्जी, पूड़ी, खिचड़ी और खीर आदि बनाकर गरीबों के घरों तक पहुंचाने लगे। युवा उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष राहुल गुप्ता बताते हैं, जिला प्रशासन की सामुदायिक रसोई से जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाता देख उनके मन में ललक जगी। प्रदीप गुप्ता, अंकित केसरवानी, अजय गुप्ता, धर्मचंद्र गुप्ता, नितेश केशरवानी, हॢषत अग्रवाल व शुभम गुप्ता जैसे 30 युवाओं को जोड़ा।
तीन माह में बांटे दो लाख पैकेट
यूथ-30 ने कर्वी के नया बाजार स्थित धर्मशाला में माता सीता के नाम पर रसोई खोली। जेब खर्च से कटौती करके धनराशि जुटाई। उनका जज्बा देखकर जिले के वरिष्ठ व्यापारी व समाजसेवी विवेक अग्रवाल, अशोक गुप्ता, राजीव अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, राम बाबू गुप्ता, मूलचंद गुप्ता, डॉ महेंद्र गुप्ता, छोटे लाल गुप्ता, अशोक केसरवानी, बराती लाल पांडेय भी मददगार बन गए। टीम ने तीन माह तक करीब दो लाख पैकेट बांटे।
कोरोना से बचने का संदेश भी
टीम से सदस्य अंकित केसरवानी बताते हैं, कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन को लेकर बड़ा डर था। कोई किसी से मिल नहीं रहा था। इसलिए काम करना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन टीम ने मास्क और सैनिटाइजर के साथ मदद करने का साहस दिखाया। लोगों को मास्क दिए। साबुन से हाथ धोने का इंतजाम किया। सभी को कोरोना से बचने का संदेश भी दिया।