राष्ट्रीय फलक पर कानपुर का नाम रोशन कर चुकी यह फुटबाल खिलाड़ी मुफलिसी से लड़ रही जंग

कुली बाजार में रहने वाली सब्जी विक्रेता चंद्रशेखर सोनकर की सबसे बड़ी बेटी श्रद्धा ने खेल में करियर बनाने की ठानी। फुटबाल के प्रति लगन और जुझारूपन ने श्रद्धा के सफर को जल्द ही प्रदेश से राष्ट्रीय फलक तक पहुंचा दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 02:58 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 02:58 PM (IST)
राष्ट्रीय फलक पर कानपुर का नाम रोशन कर चुकी यह फुटबाल खिलाड़ी मुफलिसी से लड़ रही जंग
फुटबाल की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। फुटबाल खेल में जलवा दिखाकर राष्ट्रीय फलक और उसके बाद एनआइएस कोर्स पूरा करने वाली सीनियर खिलाड़ी श्रद्धा सोनकर इन दिनों मुफलिसी से जंग कर रहीं हैं। फुटबाल में लंबा अनुभव रखने वाली श्रद्धा संक्रमण काल में आर्थिक परिस्थितियों से जंग लड़ रहीं हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स से फुटबाल का डिप्लोमा कर चुकीं श्रद्धा शहर के कई मैदानों में बेटियों का प्रशिक्षण देती हैं। कुली बाजार में रहने वाली सब्जी विक्रेता चंद्रशेखर सोनकर की सबसे बड़ी बेटी श्रद्धा ने खेल में करियर बनाने की ठानी। फुटबाल के प्रति लगन और जुझारूपन ने श्रद्धा के सफर को जल्द ही प्रदेश से राष्ट्रीय फलक तक पहुंचा दिया। हालांकि खेल के मैदान से बाहर श्रद्धा का संघर्ष आर्थिक परिस्थितियों से लगातार चलता रहा। पिता के सब्जी विक्रेता होने के कारण परिवार का पोषण करना कठिन था। ऐसे में खेल के बाद श्रद्धा ने घर पर ही मां आशा सोनकर के साथ किराने की दुकान खोलकर पिता के हाथों को मजबूत करने की ठानी। तब से वे लगातार खेल के मैदान के बाद दुकान पर बैठती हैं। टीम में हाफ ए और गोलकीपर पोजीशन पर खेलने वाली श्रद्धा 15 बार स्टेट, पांच यूनिवर्सिटी और दो बार अंडर-17 नेशनल प्रतियोगिता में जलवा दिखा चुकीं हैं। उनके नाम अंडर-19 नेशनल, सीनियर नेशनल, इंडियन वूमेंस लीग सहित कई प्रतियोगिता का शानदार अनुभव है। श्रद्धा का खेल बालिका वर्ग की खिलाड़ियों के लिए नजीर बना हुआ है। वे खिलाड़ियों छोटी उम्र के खिलाड़ियों को निश्शुल्क प्रशिक्षण देकर संवार रहीं हैं।

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