अग्निशमन दिवस विशेष : कानपुर में दफन हो चुके सरकारी हाईड्रेंट, पानी के लिए मुंह ताकती रह जाती दमकल

कानपुर शहर में मुख्य फायर स्टेशन के नौ हाईड्रेंट ही चल रहे है और 27 बंद पड़े हैं वहीं ज्यादातर हाईड्रेंट जमीनद़ोज हो चुके हैं। इन हाईड्रेंटो की सुध अबतक न तो अग्निशमन विभाग ने ली है और न ही जल निगम ने कोई प्रयास किया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 10:55 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:41 PM (IST)
अग्निशमन दिवस विशेष : कानपुर में दफन हो चुके सरकारी हाईड्रेंट, पानी के लिए मुंह ताकती रह जाती दमकल
आग लगने पर वाणिज्यिक संस्थान के हाईड्रेंट ही सहारा।

कानपुर, जेएनएन। शहर में जलनिगम की ओर से बनाए गए अधिकांश हाईड्रेंट प्वाइंट दफन हो चुके हैं। जहां बचे भी हैं वहां ये किसी काम के नहीं है। ऐसे में दमकल को सिर्फ वाणिज्यिक संस्थानों के जलस्रोतों का ही सहारा है। ऐसे में साफ है कि यदि शहर में आग लगने की बड़ी घटना हुई तो दमकल को आग बुझाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।

जलनिगम ने दमकल को पानी मुहैया कराने के लिए शहर में अलग लाइन बिछाकर चार सौ से अधिक हाईड्रेंट प्वाइंट बनाए थे। इसमें से फजलगंज फायर स्टेशन फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र, बर्रा, गोविंद नगर, कर्नलगंज, ग्वालटोली समेत आसपास के इलाकों में अधिकांश प्वाइंट थे। रखरखाव के अभाव में ये खराब हुए और बाद में सड़क ऊंचा करने के दौरान ये दफन हो गए। इस ओर न तो जल निगम ने ध्यान दिया और न ही दमकल के अफसरों ने इनकी सुध ली। जो हाईड्रेंट प्वाइंट दफन होने से रह गए वे भी पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।

शहर में फजलगंज फायर स्टेशन ही प्रमुख है। यहीं पर दमकल का कंट्रोल रूम भी बना है। इस फायर स्टेशन की ही बात की जाए तो इसके आसपास 36 हाईड्रेंट प्वाइंट बनाए गए थे। इसमें जल निगम का सिर्फ एक ही हाईड्रेंट चालू हालत में है। जो फायर स्टेशन में ही बना है। सुबह और शाम के समय यहां से पानी मिलता है, जबकि आठ हाईड्रेंट प्वाइंट वाणिज्यिक संस्थानों के हैं, जिन पर दमकल निर्भर है। शेष 27 हाईड्रेंट बेकार हो चुके हैं। यही स्थिति अन्य फायर स्टेशनों की भी है।

नहीं डाली जा सकी बैराज इकाई से हाईड्रेंट लाइन

शहर में पहले गहरी खोदाई करके बैराज से पानी सप्लाई की लाइन डाली जा रही थी। उस समय फायर स्टेशनों के लिए भी अलग से हाईड्रेंट लाइन बिछाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन ये योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही।

यह हाईड्रेंट प्वाइंट बंद : इंदिरा नगर नलकूप रामलीला पार्क, इंदिरा नगर नलकूप लोहिया पार्क, इंदिरा नगर नलकूप-2, जे-टू पार्क नलकूप विजय नगर, आजाद पार्क नलकूप, डीपीएस नलकूप, गुजैनी जी-ब्लाक, गुजैनी नंबर दो ओवरहेड टैंक परिसर, बर्रा-8 नंबर दो ओवरहेड टैंक परिसर, विश्वबैंक डी-सेक्टर, बर्रा-पांच नंबर-1, बर्रा-3 नलकूप, रतनलाल नगर पदमेश पार्क, रतनलाल नगर जेडपीएस-2, चरन ङ्क्षसह कालोनी, गोङ्क्षवद नगर पीली कालोनी, गोङ्क्षवद नगर बी-ब्लाक पार्क, पनकी ई-, एफ ब्लाक, नौबस्ता हंसपुरम नलकूप 1,3,4,5,7,8,11 व 13 बंद पड़े हैं।

यहां हैं फायर स्टेशन : कर्नलगंज, लाटूश रोड, फजलगंज, मीरपुर, घाटमपुर, बिल्हौर व जाजमऊ। किदवई नगर, नर्वल, पनकी में फायर स्टेशन का निर्माण कराया जा रहा है और बिठूर में एक प्रस्तावित है।

कुछ इस तरह आया जिम्मेदारों का जवाब आज व्यस्तता अधिक है। कल बात करके कुछ भी बता पाऊंगा। -एमपी सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी हाईड्रेंट दबने की जानकारी है, लेकिन यह कहां-कहां है इस बारे में कुछ पता नहीं है। बंद हो चुके हाईड्रेंटो को दुरुस्त करने के लिए जिलाधिकारी बातचीत कर संबंधित विभाग के अफसरों के साथ बैठक करेंगे। -आरके सफ्फड़, अवैतनिक सचिव रेड क्रास सोसाइटी

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