नार्को टेस्ट से उजागर हो सकते हैं रिटायर्ड कानूनगो के कृत्य, सियासी रसूख के कारण उरई में थी हनक
एक के बाद एक चौकाने वाले कारनामे हो रहे उजागर। हार्डडिस्क में मिले वीडियो वर्ष 2016 के बाद के हैं। दरअसल हार्डडिस्क से मिले वीडियो सिर्फ 2016 के बाद के गुनाहों की पुष्टि करते हैं। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि वह कई साल से अय्याशी कर रहा है।
उरई, जेएनएन। नाबालिगों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले कोंच के मोहल्ला भगत सिंह नगर निवासी रिटायर्ड कानूनगो रामबिहारी राठौर के कृत्य उजागर होने के बाद हर कोई स्तब्ध है। विकृत मानसिकता में कोई इस हद तक गिर सकता है, इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। भले ही अभी तक यौन उत्पीडऩ का शिकार सात किशोर ही सामने आए हैं, लेकिन आशंका है कि दो सौ से अधिक नाबालिग लड़के एवं लड़कियों के अलावा कुछ महिलाओं से भी उसने दुष्कर्म किया है। आरोपित के लैपटॉप की हार्ड डिस्क में मिले वीडियो वर्ष 2016 के बाद हैं। फिलहाल पुलिस के पास चार साल के कृत्यों के पक्के साक्ष्य हैं। नार्को टेस्ट के जरिए पुलिस आरोपित से उसके पूरे राज खुलवा सकती है।
लोग अब करने लगे घृणा
रामबिहारी ने राजस्व विभाग में नौकरी हासिल करने के बाद अपना पूरा सेवाकाल कोंच एवं नदीगांव ब्लाक में काट दिया। कानूनगो पद से वह रिटायर हुआ है। नाबालिगों के यौन उत्पीडऩ के आरोप में गिरफ्तार होने से पहले कोंच में उसकी काफी हनक थी, लेकिन अब सभी उसे घृणा की नजर से देख रहे हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुके रामबिहारी का आचरण इतना घिनौना होगा यह कोई सोच भी नहीं सकता था। वीडियो सामने आने के बाद रामबिहारी के सामने अपना गुनाह कबूल करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था, लेकिन उसने सिर्फ यह कबूल किया कि चार साल से नाबालिगों का उसके घर में आना जाना था। दरअसल हार्डडिस्क से मिले वीडियो सिर्फ 2016 के बाद के गुनाहों की पुष्टि करते हैं। जबकि मोहल्ले के लोगों का कहना है कि वह कई साल से अय्याशी कर रहा है। ऐसे में पुलिस के पास उसके पुराने कारनामों का सच उगलवाने के लिए नार्को टेस्ट कराने का विकल्प है। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह का कहना है कि प्रत्येक बिंदु पर जांच की जा रही है। जरूरत हुई तो नार्को टेस्ट भी कराया जाएगा।
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क्या होता है नार्को टेस्ट
नार्को टेस्ट अपराधी की वह जानकारी हासिल करने में किया जाता है जो या तो वह बताने में असमर्थ है या फिर वो उसे बताने को तैयार नहीं हो। यह किसी व्यक्ति के मन से सत्य निकलवाने के लिए प्रयोग किया जाता है। हालांकि जिले में पहले किसी व्यक्ति का नार्को टेस्ट नहीं कराया गया है।