पुण्यतिथि विशेष : नानाजी ने दिया ग्रामीण विकास का मॉडल, चित्रकूट में 1994 से जारी है अभियान

चित्रकूट में नानाजी द्वारा शुरू अभियान को आगे बढ़ाते हुए समाज शिल्पी दंपती ग्रामीण विकास को आगे बढ़ रहे हैं। कोरोना काल में आपदा से गांवों को बचाने के साथ ही जागरूकता की अलख भी जगाई है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 12:57 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 12:57 PM (IST)
पुण्यतिथि विशेष : नानाजी ने दिया ग्रामीण विकास का मॉडल, चित्रकूट में 1994 से जारी है अभियान
भारत रत्न स्व. नानाजी देशमुख ने चित्रकूट में जलाई थी अलख।

कानपुर, [शिवा अवस्थी]। चित्रकूट में राष्ट्र ऋषि भारत रत्न स्वर्गीय नानाजी देशमुख ने ग्रामीण विकास का ऐसामॉडल तैयार किया, जिसे देश के हर कोने में सराहना मिली। तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहार वाजपेयी भी मुक्त कंठ से उनकी तारीफ करते नहीं थके थे। इसमें अहम रोल रहा समाज शिल्पी दंपतियों का, जो अभी तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनके प्रयासों से 512 गांवों में बेहतरी आई है। इनका फोकस किसानों, खेती, शिक्षा, सफाई और स्वास्थ्य पर है। इनकी जन जागरूकता की अलख से उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश क्षेत्र के तमाम गांवों तक कोरोना नहीं पहुंच सका, जिसकी खूब सराहना हुई थी।

पांच साल के लिए गोद लेते गांव

नानाजी ने वर्ष 1994 में समाज शिल्पी दंपती अभियान की शुरुआत की थी। पहली बार 40 दंपती अलग-अलग गांवों में भेजे गए। इनमें भरत पाठक और उनकी पत्नी नंदिता पाठक जैसे नाम भी शामिल थे। उनका काम खूब सराहा गया। भरत बाद में डीआरआइ के संगठन सचिव भी बने, जिससे और बेहतरी आई। नंदिता अब गंगा समग्र की दिल्ली प्रांत की संयोजक हैं।

वर्तमान में डीआरआइ के संगठन सचिव अभय महाजन हैं, जो लगातार अच्छा कर रहे हैं। दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआइ) के प्रधान सचिव अतुल जैन बताते हैं कि शुरुआत में 40 दंपती थे। वर्तमान में 22 दंपती अलग-अलग गांवों में हैं। एक दंपती को पांच साल के लिए पांच-पांच गांव गोद दिए जाते हैं। पति पुरुषों की समस्याओं के साथ खेती-बाड़ी से संबंधित जानकारी देते हैं, जबकि पत्नी महिलाओं की समस्याओं का समाधान करती हैं। स्नातक दंपती ही चुने जाते हैं।

वनवासी और कोल आदिवासी गांव

केंद्र में डीआरआइ के ज्यादातर प्रकल्प का मुख्य केंद्र उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश क्षेत्र के वनवासी व कोल आदिवासी गांव हैं। इनमें कोल आदिवासियों का जीवन स्तर ऊंचा उठा है। वहां विकास कार्य भी हुए हैं।

ये भी हैं डीआरआइ के प्रकल्प

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतना, सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय, उद्यमिता विद्यापीठ, आरोग्यधाम, रसशाला, तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां व मझगंवा, गोवंश विकास एवं अनुसंधान केंद्र, दिशा दर्शन केंद्र, रामदर्शन, नन्ही दुनिया, गुरुकुल स्कूल, कृष्णा देवी वनवासी बालिका आवासीय विद्यालय, मझगंवा, परमानंद आश्रम पद्धति विद्यालय गनीवां, जन शिक्षण संस्थान गनीवां, नानाजी श्रद्धा केंद्र।

एक नजर में समाज शिल्पी योजना

चित्रकूट के गांव : 512

पूर्व में शिल्पी दंपती : 40

वर्तमान में संख्या : 22

नानाजी देशमुख जन्म : 11 अक्टूबर 1916

निधन : 27 फरवरी 2010

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