5.80 करोड़ के घोटाले में मांगे सत्यापन अधिकारियों के नाम

शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में हुए 5.

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 02:11 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 02:11 AM (IST)
5.80 करोड़ के घोटाले में मांगे सत्यापन अधिकारियों के नाम
5.80 करोड़ के घोटाले में मांगे सत्यापन अधिकारियों के नाम

जागरण संवाददाता, कानपुर : शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में हुए 5.80 करोड़ रुपये के घोटाले के जिम्मेदार सत्यापन अधिकारियों के नाम मांगे हैं। उन्होंने जांच कमेटी के अध्यक्ष एडीएम आपूर्ति डा. बसंत अग्रवाल को भेज पत्र में कहा है कि उनके द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में किसी भी सत्यापन अधिकारी का नाम नहीं है। निर्धारित प्रारूप पर नाम उपलब्ध कराएं। ताकि दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जा सके। सत्यापन अधिकारियों पर कार्रवाई न होने का मुद्दा दैनिक जागरण ने उठाया था। इसके बाद डीएम ने यह कदम उठाया। इसके साथ ही धन की बंदरबांट करने वाले लाभार्थियों पर मुकदमे का आदेश सीडीओ ने दिया है। 18 सौ अपात्रों जिनका पता गलत मिला है, उन पर तो मुकदमा होगा ही अपात्र पाए गए लाभार्थी भी नामजद किए जाएंगे। इस तरह 23 सौ से अधिक लाभार्थी अपात्र हैं। इनमें से कितने पर मुकदमा होगा अभी यह तय होगा।

गलत तरीके से अनुदान लेने वालों के विरुद्ध मुकदमे के साथ ही उनसे रिकवरी भी कराई जाएगी। ये अपात्र तो समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के हैं, लेकिन मुकदमा समाज कल्याण विभाग को कराना है। एसडीएम सदर दीपक पाल ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराने का आदेश समाज कल्याण अधिकारी को दिया है। फिलहाल समाज कल्याण अधिकारी निलंबित हो चुके हैं ऐसे में जो उनके स्थान पर तैनात होंगे वे मुकदमा दर्ज कराएंगे। शहरी क्षेत्र में शादी अनुदान हो या पारिवारिक लाभ योजना के आवेदनकर्ताओं का सत्यापन पहले लेखपाल, कानूनगो करते हैं। उनकी रिपोर्ट को ही नायब तहसीलदार, तहसीलदार और एसडीएम आनलाइन संबंधित विभागों को भेजते हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह कार्य वीडीओ और बीडीओ करते हैं। -----------------

18 सौ से अधिक लोग पते पर नहीं मिलें

शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में बड़ा घोटाला हुआ है। पारिवारिक लाभ योजना में 1106 लाभार्थी पते पर नहीं मिले हैं तो दो सौ अपात्र हैं। चार मृतकों की मौत लाभ लेने वाले वर्ष के बहुत पहले हो चुकी है। इसी तरह शादी अनुदान में 211 लाभार्थी अपात्र हैं और 702 लाभार्थी पते पर नहीं मिले हैं। 22 लाभार्थियों की शादी नहीं हुई है तो आठ लाभार्थी ऐसे हैं जिनकी शादी पहले हो चुकी है। -----------------

लेखपालों की बढ़ेगी मुसीबत अपात्रों को पात्र बनाने वाले किसी लेखपाल के विरुद्ध नामजद मुकदमा तो नहीं होगा, लेकिन पुलिस विवेचना के दौरान उनका नाम मुकदमे में शामिल कर सकती है। पूर्व में जिन पांच लाभार्थियों के विरुद्ध मुकदमा हुआ था उनमें दोषी लेखपालों का नाम विवेचना के दौरान मुकदमे में बढ़ाए गए हैं। -----------------

लेखपालों ने दोबारा जांच की मांग की

लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र तिवारी, जिला मंत्री केके मिश्रा, तहसील अध्यक्ष आलोक दुबे, मंत्री सुजीत कुशवाहा, पूर्व जिलाध्यक्ष अजय सिंह कुशवाहा ने एसडीएम सदर दीपक पाल से मुलाकात की। कहा कि जांच अधिकारियों ने गलत जांच की है। पारिवारिक लाभ के लाभार्थी को शादी अनुदान का लाभार्थी बताते हुए अपात्र दिखा दिया गया है। इसके साथ ही जांच रिपोर्ट के आधार पर जब वे दोबारा जांच कर रहे हैं तो वे लाभार्थी मौके पर ही मिल रहे हैं जिनका पता जांच अधिकारियों ने फर्जी बताया है। इसलिए लाभार्थियों का दोबारा सत्यापन कराने की आवश्यकता है। अन्यथा उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए नोटिस का जवाब देने के लिए ताकि वे प्रत्येक लाभार्थी का दोबारा सत्यापन कर सकें। एसडीएम ने कहा कि वे सत्यापन कर लें।

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