जूही राखी मंडी के स्थानांतरण को लेकर नगर निगम-केडीए में ठनी, जानिए इसकी दिलचस्प वजह
क्षेत्रीय पार्षद सुनील कनौजिया ने कहा कि केडीए से आइजीआरएस में योजना के स्वामित्व के संबंध में पूछा था तो केडीए ने उक्त योजना के 2013 मे स्थानांतरित हुई बताई है। महापौर ने अधिशासी अभियंता से पूछा तो अवगत कराया गया कि त्रुटिवश 2013 लिख गया है।
कानपुर, जेएनएन। जूही राखी मंडी योजना के स्थानांतरण को लेकर केडीए और नगर निगम के अफसर आमने सामने आ गए हैं। केडीए ने कहा कि वर्ष 1978 में नगर निगम को योजना स्थानांतरित कर दी है। नगर निगम ने कहा कि उनके पास कोई अभिलेख ऐसे नहीं है। केडीए गलत कह रहा है।
राखी मंडी योजना के स्थानांतरण को लेकर कई सालों से खींचतान चल रही है। क्षेत्रीय पार्षद सुनील कनौजिया कई बार सदन में भी हंगामा कर चुके हैं। महापौर की अध्यक्षता में केडीए, नगर निगम और जलकल के अफसरों की बैठक गुरुवार को नगर निगम में हुई। बैठक में महापौर प्रमिला पांडेय ने केडीए के अधिशासी अभियंता अतुल मिश्र से पूछा कि जूही राखी मंडी किस विभाग का स्वामित्व है। अधिशासी अभियंता ने बताया कि जूही राखी मंडी नगर निगम की है, जो वर्ष 1978 में स्थानांतरित हुई है। महापौर ने अधिशासी अभियंता से स्थानांतरण संबंधी अभिलेख मांगे, तो अधिशासी अभियंता ने कहा कि अभिलेख जल्द ही उपलब्ध करा देंगे। नगर निगम के मुख्य अभियंता एसके सिंह ने बताया कि कोई योजना नगर निगम को स्थानांतरित नहीं है।
क्षेत्रीय पार्षद सुनील कनौजिया ने कहा कि केडीए से आइजीआरएस में योजना के स्वामित्व के संबंध में पूछा था तो केडीए ने उक्त योजना के 2013 मे स्थानांतरित हुई बताई है। महापौर ने अधिशासी अभियंता से पूछा तो अवगत कराया गया कि त्रुटिवश 2013 लिख गया है। त्रुटि करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
46 लाख रुपये से दो किमी पड़ी लाइन, लीकेज होंगे ठीक : जल निगम के अधिशासी अभियंता शमीम अख्तर ने बताया कि जूही राखी मंडी में भूमिगत जल प्रदूषित होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर 46 लाख का प्रोजेक्ट प्रमुख सचिव, नगर विकास को प्रेषित किया गया था, प्रमुख सचिव की स्वीकृति पर वर्ष 2019 में दो किमी की पानी की पाइप डाली गई और 240 कनेक्शन दिए गए है, दूषित जलापूॢत पर पाइप लाइन में लीकेज होने की बात कही गयी। उसको ठीक कराया जाएगा।
फिर बुलायी जाएगी बैठक : महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि दस्तावेज पूरे न होने के कारण बैठक फिर से बुलायी जाएगी। केडीए के अफसर आधे-अधूरे दस्तावेज लाए थे।