मुबारक हो तुम सबको हज का महीना, तमन्ना पूरी न होने से जायरीनों की आंखों से बहे आंसू

हज का लाइव देखकर मक्का मदीना के दीदार की इच्छा जाग उठी और जयरीन अगली बार जाने की दुआ मांगते रहे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 09:55 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 04:54 PM (IST)
मुबारक हो तुम सबको हज का महीना, तमन्ना पूरी न होने से जायरीनों की आंखों से बहे आंसू
मुबारक हो तुम सबको हज का महीना, तमन्ना पूरी न होने से जायरीनों की आंखों से बहे आंसू

कानपुर, [मोहम्मद दाऊद खान]। मक्का से हज का लाइव टेलीकास्ट देख हज पर न जा पाने का गम जायरीनों की आंखों से छलक उठा। हज के लिए चयन हो जाने के बाद भी कोराना वायरस की वजह से मक्का व मदीना का दीदार नहीं कर सके। जायरीनों ने कहा कि अगर कोराना वायरस न होता तो अरब में मौजूद हाजियों के साथ अराफात के मैदान में दुआ मांग रहे होते, काबा शरीफ का तवाफ करने के बाद कुर्बानी करते और शैतान को कंकरियां मार कर हज की रस्मे अदा कर रहे होते।

इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से सऊदी हुकूमत ने सिर्फ दस हजार लोगों को हज की इजाजत दी थी। इसमें वहां रहे रहे प्रवासी भी शामिल हैं। भारत से इस वर्ष दो लाख जायरीनों को हज पर जाना था। इसमे उप्र के 34 हजार सहित कानपुर के 1300 जायरीन शामिल थे।

जायरीनों ने कही ये बात इस बार बगैर लाटरी के चयन हुआ तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कोरोना की वजह से जाना रद हुआ। दुआ है कि अगली बार जरूर हज पर जा सके। -मोहम्मद ताहिर, बिसातखाना हज पर जाने की तमन्ना इस बार पूरी नहीं हो सकी, हज का लाइव टेलीकास्ट देख आंसू आ गए। माहौल सही होता तो आज हज कर रहे होते। -मुजीब अहमद, कर्नलगंज हज पर जाने की बचपन से ख्वाहिश थी। हज स्थगित होने से बहुत अफसोस हुआ। दुआ है कि अगले वर्ष हज पर जरूर जाने को मिले। -मसूद आलम, मेस्टन रोड पिछले सात सालों से हज जायरीनों को ट्रेनिंग देकर दुआएं ले रहे थे। बहुत जल्द बेहतर वक्त आए, जैसे ही रास्ते खुलेंगे उमरा करने जाएंगे। -शारिक अलवी, हज मास्टर ट्रेनर

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