LLR Covid हास्पिटल का सच, मल्टी पैरा मानीटर के बैगर कैसे होगा गंभीर संक्रमित मरीजों का इलाज
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में बने कोविड हास्पिटल में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारी के दावों की हकीकत उलट है अभी तक आइसीयू में पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं हुए हैं ।
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में लेवल थ्री का कोविड हास्पिटल है। कोविड हास्पिटल में आइसीयू के 200 बेड हैं, जहां गंभीर संक्रमितों को भर्ती किया जाएगा। इन मरीजों की आइसीयू में निगरानी के लिए मल्टी पैरामानीटर होने चाहिए, लेकिन अभी तक बेड के हिसाब से पूरे नहीं हैं। ऐसे में एनेस्थीसिया विशेषज्ञों के सामने मरीजों की निगरानी न कर पाने की समस्या आएगी।
एलएलआर अस्पताल में कोविड इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) के 200 बेड हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान पुराने आइसीयू से 30 मल्टी पैरामानीटर लिए गए थे, जिससे किसी तरह काम चला। दूसरी लहर के दौरान 200 बेड के आइसीयू में भी यही हाल रहा। कोविड आइसीयू के विशेषज्ञों एवं जूनियर रेजीडेंट को गंभीर संक्रमितों का आक्सीजन सेचुरेशन (एसपीओटू) चेक करने के लिए पल्स आक्सीमीटर लगाना पड़ता था। ऐसे में कोरोना के गंभीर संक्रमितों की निगरानी ठीक से नहीं हो सकी थी, जो कोरोना से मौतों की वजह बनी। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढऩे पर शासन ने लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) से क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों की टीम भेजी थी। जिसने सात दिन तक यहां रहकर आइसीयू में सुविधाएं एवं संसाधन बढ़ाने का सुझाव शासन को दिया था। उसके बाद वेंटिलेटर मुहैया कराए गए। दूसरी लहर के अंत में 27 मल्टी पैरामानीटर मंगाए गए।
दूसरी लहर से पहले शुरू हुई थी कवायद
कोरोना की दूसरी लहर आने से पहले मल्टी पैरामानीटर मुहैया कराने के लिए शासन से कवायद शुरू हुई थी। बजट भी मिला और कालेज प्रशासन ने 100 मल्टी पैरामानीटर का प्रस्ताव भेजा, लेकिन दूसरी लहर गुजरने के बाद प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। अब तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए मई में फिर से प्रस्ताव भेजा था। तब जाकर 60 मल्टी पैरामानीटर आ सके, उसमें से 40 और आने हैं।
बच्चों के लिए भी जरूरी हैं यह
बच्चों के लिए 50 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) तैयार किया गया है। इसके लिए अभी सिर्फ 10 मल्टी पैरामानीटर हैं। अभी 30 मल्टी पैरामानीटर की खरीद पाइप लाइन में है। ऐसी स्थिति में कम यह उपकरण आते हैं, यह देखना है।
क्या है मल्टी पैरामानीटर
आइसीयू में अधिकतर गंभीर मरीज बेसुध होते हैं। ऐसे में उनकी मानीटङ्क्षरग के इन मल्टी पैरामानीटर के जरिए होती है। यह आइसीयू के लिए सबसे जरूरी उपकरण है। इसमें कोई भी चीज गड़बड़ाने पर अलार्म बचने लगता है।
मरीज की ऐसे होती निगरानी
-आक्सीजन सेचुरेशन (एसपीओटू)
-सांस से निकलने वाली कार्बन डाइआक्साइड
-ब्लड प्रेशर की निगरानी
-हार्ट की धड़कन की निगरानी
-इलेक्ट्रो कार्डियो ग्राफ (ईसीजी) की निगरानी
-आर्टियल प्रेशर/सेंट्रल वेनस प्रेशर
-सौ मल्टी पैरामानीटर का प्रस्ताव भेजा गया था, उसमें से 70 आ गए हैं। उन्हें न्यूरो साइंस सेंटर एवं मेटरनिटी विंग में स्टाल कराना है। अभी पीडियाट्रिक आइसीयू के लिए भी 30 वेंटिलेटर आने हैं। -प्रो. रिचा गिरि, प्रभारी प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।