घरों पर हुआ मां ब्रह्माचारिणी का पूजन, मंदिरों में वंदन

मां भगवती की आराधना के दूसरे दिन घरों पर मां के ब्रह्माचारिणी स्वरूप का पूजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 02:13 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 02:13 AM (IST)
घरों पर हुआ मां ब्रह्माचारिणी का पूजन, मंदिरों में वंदन
घरों पर हुआ मां ब्रह्माचारिणी का पूजन, मंदिरों में वंदन

जागरण संवाददाता, कानपुर : मां भगवती की आराधना के दूसरे दिन घरों पर मां के ब्रह्माचारिणी स्वरूप का पूजन किया गया। शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए भक्तों ने भी संयम का परिचय देते हुए सीमित संख्या में मंदिर पहुंचकर वंदन किया। कोविड के चलते शहर में लगे रात्रि क‌र्फ्यू में लगभग सभी देवी मंदिरों में भोर और संध्या आरती के समय में बदलाव किया गया। भक्त आरती के बाद समय से अपने घर पहुंच जाएं, मंदिरों के पुजारियों द्वारा इसका भी ख्याल विशेष रूप से रखा जा रहा है।

बुधवार को जंगली देवी, तपेश्वरी देवी मंदिर, बुद्धा देवी, दुर्गा मंदिर सहित कई देवी मंदिरों में भोर में होने वाली आरती प्रात:काल सात से नौ बजे के बीच सीमित भक्तों की उपस्थिति में की गई। आरती में मां जगदंबे से सुख-समृद्धि के साथ ही भक्तों ने महामारी के विनाश की कामना की। किदवई नगर स्थित जंगली देवी मंदिर के विजय पुजारी ने बताया कि महामारी के समय भक्तों का संयम समाज को सुरक्षित रखने का संदेश दे रहा है। सभी भक्त मां के दरबार में सिर्फ वंदन कर नियमों का पालन कर रहे हैं। किसी को फल, फूल व प्रसाद के लिए रोकना-टोकना नहीं पड़ रहा है। तपेश्वरी मंदिर में शारीरिक दूरी बनाकर भक्तों ने दर्शन किए। वहीं, गोविद नगर स्थित दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। नौ दिनों तक बारादेवी मंदिर के बंद रहने के बाद भी भक्त दर्शन की आस लेकर मंदिर पहुंचे। कई ने मुख्य द्वार पर पुष्प अर्पित कर श्रीफल चढ़ाया।

--------

सपरिवार पूजन से मिलती सकारात्मक ऊर्जा

जरौली निवासी आकांक्षा सिंह ने बताया कि कोविड के चलते पूरा परिवार घर पर ही मां की आराधना कर रहा है। भोर व संध्या आरती के बाद पूरे परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो जाता है। उन्होंने बताया कि ब्रह्माचारिणी देवी का स्वरूप कठिन समय में विचलित न होने की सीख देता है। वहीं, आवास विकास निवासी भावना बताती हैं कि बच्चों और परिवार के बड़ों संग मां का वंदन करना खास रहता है। सभी भक्तिभाव से मां का पूजन करते हैं। जीवन में इन नौ दिनों का विशेष महत्व रहता है।

chat bot
आपका साथी