गंगा बैराज से बक्सर तक दिखीं 30 से अधिक डाल्फिन

भारतीय वन्यजीव संस्थान के सदस्यों ने की तलाश पहले चरण में बिजनौर से कानपुर में कवायद । -

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 01:30 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 01:30 AM (IST)
गंगा बैराज से बक्सर तक दिखीं 30 से अधिक डाल्फिन
गंगा बैराज से बक्सर तक दिखीं 30 से अधिक डाल्फिन

जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा में जिस डाल्फिन की ऊछल-कूद, सभी का मन मोह लेती है। उन्हीं डाल्फिन की तलाश में भारतीय वन्यजीव संस्थान के सदस्य रविवार देर शाम शहर पहुंचे और सोमवार को सदस्यों ने गंगा बैराज से लेकर बक्सर तक 30 से अधिक डाल्फिनों को अठखेलियां करते देखा।

पिछले सालों की अपेक्षा डाल्फिन की संख्या में इजाफा की संभावना जताते हुए जहां सभी खुश थे, तो वहीं गंगा की मुख्य धारा में पानी बहुत कम होने पर जलीय जीवों के लिए संकट की स्थिति को भी बयां कर सभी ने दु:ख जताया। सदस्यों का कहना था, कि इस डाल्फिन सर्वेक्षण के कार्य के बाद आंकड़ों से यह निष्कर्ष निकाला जाएगा, कि आखिर गंगा में पानी कम क्यों हो रहा है। टीम के सर्वे प्रभारी गौतम ने बताया कि पहले चरण में टीम ने बिजनौर से कानपुर तक सर्वे का काम पूरा कर लिया है। अब शहर से प्रयागराज तक, फिर प्रयागराज से विध्याचल तक सर्वे का काम होगा। फिर अंतिम पड़ाव पर विध्याचल से चौसा (यूपी-बिहार बार्डर) तक सर्वे कर डाल्फिन की गणना की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 15 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने नेशनल डाल्फिन प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी, उसी प्रोजेक्ट के तहत यह कवायद चल रही है। इस प्रोजेक्ट की देखरेख भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक प्रो.कमर कुरैशी व डा.विष्णुप्रिया कर रहे हैं।

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मशरूम की खेती से कम समय व लागत में पाएं मुनाफा

जासं, कानपुर : मशरूम की खेती कर कम समय व लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के पादप रोग विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और संयुक्त निदेशक शोध डा. एसके विश्वास ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 100 ग्राम मशरूम से 35 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। यह मोटापा, गुर्दा तथा ह्रदय रोगियों के लिए आदर्श आहार है। मशरूम में अरगोस्टेराल पाया जाता है, जो मानव शरीर के अंदर विटामिन डी में परिवर्तित हो जाता है।

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