कानपुर में बुखार से अबतक 35 से ज्यादा मौतें, कहीं कुरसौली समेत गांवों में जीका वायरस तो नहीं
जिले में संक्रामक बीमारियां कहर बरपा रहीं हैं और जनपदवासी बेहाल हैं। ग्रामीण अंचल में 35 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं अबतक डेंगू और वायरल बुखार का प्रकोप मानकर स्वास्थ्य विभाग चल रहा है। लेकिन अब संदेह है कि कहीं मौतों की वजह जीका वायरस तो नहीं थी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जिले के ग्रामीण अंचल में डेंगू व वायरल बुखार फैला है। ग्रामीण अंचल के कुरसौली, मकसूदाबाद, पारा प्रतापपुर, बकोठी व अन्य क्षेत्रों में बुखार व डेंगू से अब तक 35 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग डेंगू व बुखार की बात लगातार नकार रहा है। बावजूद इसके तह तक जाने का प्रयास भी नहीं किया गया है। हद तो यह है कि जिले में दो साल से संक्रामक रोगों का सर्विलांस सिस्टम भी पूरी तरह से निष्क्रिय है। इन बीमारियों को लेकर अलर्ट तक जारी नहीं हो रहा। शहरी क्षेत्र में जीका वायरस का मरीज मिलने के बाद से फिर से बीमारियों को चर्चा में ला दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब बुखार, डेंगू, मलेरिया, टायफाइड समेत अन्य बीमारियों की जांच में पुष्टि न हो, ऐसे में जीका वायरस की जांच जरूर करानी चाहिए। इस बार जिले में संक्रामक बीमारियों ने जमकर कहर बरपाया। उसके बाद भी जिला महामारी वैज्ञानिक ने संक्रमण की इपीडिमोलाजी जानने का प्रयास भी नहीं किया। हद तो यह है कि जिले में जिला महामारी वैज्ञानिक कार्यरत हैं या नहीं इसका भी किसी को पता नहीं चला। यही वजह रही कि मौतों व संक्रमण फैलने की तह तक जाने का प्रयास किसी ने प्रयास भी नहीं किया। मेडिकल कालेज के विशेषज्ञों की रिपोर्ट से भी ऐसा प्रतीत हुआ कि यह भी दवाब में तैयार कराई गई।
पीडि़त छह माह से नहीं गया बाहर
जीका वायरस से संक्रमित एयरफोर्स कर्मचारी छह माह से कहीं बाहर भी नहीं गए। जीका वायरस के संक्रमण की उनकी हिस्ट्री का कुछ पता नहीं चल सका। ऐसे में सवाल यह उठता है कि वायरस उनके अंदर ही निष्क्रिय पड़ा था, जो बाद में सक्रिय हो गया। इस दौरान वह कहां-कहां गए, किस-किस को संक्रमित किया। इसका पूरा पता नहीं लगाया जा सका है।
महिलाओं की संख्या अधिक
कुरसौली गांव में हुई मौतों में महिलाओं की संख्या अधिक है। जीका वायरस महिलाओं एवं गर्भवती को सर्वाधिक चपेट में लेता है। ऐसे में महिलाओं के अधिक चपेट में आना भी जीका की तरफ इशारा करता है।
-कुरसौली व अन्य गांवों में सामान्य बुखार फैला था। गांव में मरने वाले किसी न किसी बीमारी से पीडि़त थे। सर्विलांस टीम ने घर-घर जाकर केस हिस्ट्री तैयार करने के साथ जांच भी कराई। मेडिकल कालेज के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में पानी के संक्रमित होने की रिपोर्ट दी थी, जिसकी पुष्टि जल निगम की रिपोर्ट से भी हुई है। -डा. नैपाल सिंह, सीएमओ, कानपुर नगर।