निगरानी समिति ने कहा, कुछ भी करें पर गंगा में नहीं जानी चाहिए गंदगी

सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुण कुमार टंडन की अध्यक्षता में कानपुर पहुंची टीम, अफसरों को दिए निर्देश

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Oct 2018 02:28 PM (IST) Updated:Fri, 26 Oct 2018 02:28 PM (IST)
निगरानी समिति ने कहा, कुछ भी करें पर गंगा में नहीं जानी चाहिए गंदगी
निगरानी समिति ने कहा, कुछ भी करें पर गंगा में नहीं जानी चाहिए गंदगी

जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा प्रदूषण की निगरानी के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित निगरानी समिति शुक्रवार सुबह कानपुर पहुंची। समिति के सदस्यों ने सर्किट हाउस में विभिन्न विभागों के साथ बैठक में सीवर डिस्चार्ज, नाला टैपिंग और टेनरी उत्प्रवाह की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि टेनरी के कंवेयन्स चैनल में कुछ क्षेत्रवासियों ने घरेलू सीवर जोड़ दिया है। इसकी वजह से क्रोमियम गंगा में जा रहा है। ये सुनकर समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार टंडन ने कहा कि ये गलत है। गंगा में किसी सूरत में कोई गंदगी नहीं जानी चाहिए। कुंभ तक गंगा को हर हाल में अविरल व निर्मल करना है।

समिति के अध्यक्ष ने अधिकारियों से कहा कि कोई भी रिपोर्ट गलत मत देना। नाला टैपिंग और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का संचालन दुरुस्त होना चाहिए। इसके साथ ही टेनरियों की कड़ी निगरानी करें, जिससे गंगा में प्रदूषित पानी न जा पाए। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाएं। समिति ने इसके बाद टेनरी संचालकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुनीं। न्यायमूर्ति ने उनसे कहा कि आप लोग खामियां ज्यादा बेहतर जानते हैं। हम चाहते हैं कि टेनरी चलें और गंगा भी स्वच्छ रहें। उन्होंने कहा कि आप खुद ही हमें गंगा में प्रदूषित पानी जाने से रोकने के उपाय बताएं। बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार, विशेष सचिव एचपी शाही, जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। इसके बाद टीम निरीक्षण के लिए निकल गई।

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