कानपुर में एक सप्ताह प्रवास के लिए आए संघ प्रमुख मोहन भागवत, तय हैं बैठकों के विषय

आते ही पदाधिकारियों संग की औपचारिक समीक्षा बैठक, परिचय बैठक के बाद शाखा में भी हुए शामिल।

By AbhishekEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 08:18 PM (IST)
कानपुर में एक सप्ताह प्रवास के लिए आए संघ प्रमुख मोहन भागवत, तय हैं बैठकों के विषय
कानपुर में एक सप्ताह प्रवास के लिए आए संघ प्रमुख मोहन भागवत, तय हैं बैठकों के विषय
कानपुर, जेएनएन। उत्तर पूर्वी क्षेत्र के संघ पदाधिकारियों की पाठशाला अब दस दिन तक कानपुर में चलेगी। 80 जिलों में चलाए जा रहे सेवा प्रकल्पों की समीक्षा के लिए मंगलवार दोपहर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत यहां पहुंच गए। बुधवार सुबह से अलग-अलग जिलों की बैठकें शुरू होंगी।
 संघ प्रमुख भागवत लखनऊ से दोपहर में पनकी स्थित नारायणा कॉलेज पहुंचे। वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद तुरंत ही संघ प्रमुख ने परिचय बैठक के साथ ही क्षेत्र में चल रहे संघ के कार्यों की औपचारिक जानकारी ली। फिर शाम को शाखा में भी शामिल हुए। बैठकों के विषय पहले ही तय हो चुके हैं। इनमें एक आयाम और चार गतिविधियां हैं। उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लगभग 80 जिलों में संचालित सेवा विभाग के आयाम व गतिविधियों में कुटुंब प्रबंधन, सामाजिक समरसता, ग्राम विकास और गो संवर्धन की समीक्षा करेंगे। आगामी वर्ष के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किए जाएंगे। बैठकों में अपेक्षित पदाधिकारी भी मंगलवार देर रात तक पहुंचते रहे। बुधवार सुबह 7.30 बजे संघ प्रमुख द्वारा प्रार्थना और ध्वज प्रणाम के बाद 9 बजे से बैठकें शुरू होंगी।
पनकी कॉलेज में प्रवास का इंतजाम
पनकी स्थित नारायणा कॉलेज के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी मौजूद हैं। यहां पर एक सप्ताह से अधिक समय के लिए उनके प्रवास की व्यवस्था की गई है। वह चारों प्रांतों के पदाधिकारियों से परिचय कर चर्चा करेंगे। बुधवार से वह उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के 80 जिलों में अबतक हुए सेवा कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसमें कुटुंब प्रबंधन, सामाजिक समरसता, गो संरक्षण, ग्राम विकास आदि विषय शामिल होंगे। चारों प्रांतों के पदाधिकारी भी पहुंच चुके हैं।
इस तरह होगी बैठक की कार्यवाही
प्रांत प्रचार प्रमुख अनुपम जी ने बताया कि संघ के केंद्र से प्रवास की बैठकों के विषय तय किए जा चुके हैं। इसमें एक आयाम और चार गतिविधियां होंगी। सेवा विभाग के आयाम के अलावा गतिविधियों में कुटुंब प्रबंधन, सामाजिक समरसता, ग्राम विकास और गो संवर्धन शामिल है। सरसंघचालक उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लगभग 80 जिलों में चल रहे आयाम व गतिविधियों पर भी चर्चा करेंगे। एक विषय पर औसतन डेढ़ से दो दिनों तक मंथन होगा। उसमें इस बात की समीक्षा होगी कि लक्ष्य कितना निर्धारित था, और पूरा कितना हुआ? साथ ही आगामी वर्ष के लिए रूपरेखा भी तय की जाएगी।
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