कानपुर: सरकारी अफसर ने अपने से कम उम्र की राज्यमंत्री के किए चरण वंदन, बोले - मैं तो बहन मानता हूं...

Officer touched feet of Swati Singh in Kanpur राजकीय बालगृह (बालक) कल्याणपुर में बच्चों से बातचीत भी की। अधीक्षक ने बताया कि बच्चों को शिक्षा के साथ ही योग और आर्ट की शिक्षा दी जा रही है। राज्यमंत्री के पहुंचने पर कला प्रतियोगिता का आयोजन चल रहा था।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:09 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 09:13 AM (IST)
कानपुर: सरकारी अफसर ने अपने से कम उम्र की राज्यमंत्री के किए चरण वंदन, बोले - मैं तो बहन मानता हूं...
राजकीय बालगृह (बालक) कल्याणपुर के बाहर राज्यमंत्री के पैर छूने के लिए झुकते अधीक्षक आरके अवस्थी।

कानपुर, जेएनएन। Officer touched feet of Swati Singh in Kanpur  वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में पैर छूना काफी सामान्य होता जा रहा है। हालांकि ऐसा करने वाले कुछ लोग राजनीतिक महत्वाकांक्षा के तहत तो कुछ लोग अपनी नाकामी को छिपाने के लिए चरण वंदन करते दिखते हैं। यद्यपि राजनीति में ऐसा कोई विशेष प्राेटोकाल है ही नहीं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कानपुर में भी एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जब बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाती सिंह मंगलवार काे बालगृह का औचक निरीक्षण करने पहुंची। इस दौरान जो कुछ भी हुआ उसने वहां मौजूद मंत्री स्वाती सिंह समेत अन्य लोगों को हतप्रभ कर दिया। 

मंत्री के पहुंचते ही बना अजब माहौल: मंगलवार को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण राज्यमंत्री की प्रतीक्षा में सभी अफसर और अन्य लोग बालगृह बालक कल्याणपुर के बाहर खड़े थे। कुछ ही देर में जब राज्यमंत्री कार से उतरीं तो सभी ने उन्हें प्रणाम किया। इसी दौरान बालगृह के मुख्य द्वार पर खड़े अधीक्षक आरके अवस्थी ने भी उनको प्रणाम किया। तभी अचानक अधीक्षक उनके पैर छूने के लिए पूरी तरह से झुक गए। अपने से अधिक उम्र के अधीक्षक को यूं उनके पैराें पर झुकता हुआ देख राज्यमंत्री स्वाती सिंह चौंक गईं और तुरंत उन्होंने अपने पैर पीछे खींच लिए। इसके बाद मंत्री अधीक्षक से बोलीं कि- अरे क्या कर रहे हैं, आप तो ऐसे मत कीजिए। इसके बाद सभी लोग बालगृह की ओर बढ़ जाते हैं और वहां का मुख्य द्वार भी बंद कर दिया जाता है। चंद सेकंड में जो वाकया बालगृह में हुआ उसके बाद वहां मौजूद लोगों में यह चर्चा का विषय बन गया और इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि जागरण डॉट कॉम ऐसे किसी वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। बता दें कि बालगृह में राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने अधीक्षक से पुन: ऐसा न करने के लिए कहा। 

क्या कहते हैं अधीक्षक: जब पूरे मामले को लेकर जागरण डॉट कॉम ने अधीक्षक आरके अवस्थी से बात की तो उन्हाेंने कहा कि इसमें गलत क्या है। यह तो हमारे संस्कार हैं। मैं तो उन्हें बहन मानता हूं, लेकिन जब मैडम ने मना कर दिया तो मैं भी रुक गया था। 

सबसे पहले स्वरूपनगर बालिका गृह का जाना हाल: राज्यमंत्री सबसे पहले स्वरूप नगर बालिका गृह पहुंचीं। वहां पर उन्होंने बालिकाओं से बातचीत की। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भोजन व्यवस्था के संबंध में जानकारी लेने के बाद वे अधिकारियों से बोलीं कि बेसहारा हुए ऐसे बच्चे जिन्हें उनके रिश्तेदार अथवा परिवार के लोग रखने को तैयार नहीं हैं, उन्हें बालगृह में रखा जाएगा और चार-चार हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने बालगृह की बालिकाओं को शिक्षा के साथ सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण भी दिलाए जाने के निर्देश दिए। 

महिला शरणालय में देखी भाेजन की गुणवत्ता: स्वाती सिंह इसके बाद राजकीय महिला शरणालय ख्यौरा कटरी पहुंची। जहां उन्होंने महिलाओं के रहने के कक्ष, रसोई घर, शौचालय, कम्युनिटी हाल का निरीक्षण किया तथा भोजन में रोटी, कढ़ी और चावल की गुणवत्ता देखी। यहां पर उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए।

कल्याणपुर में बच्चों से की बातचीत: राजकीय बालगृह (बालक) कल्याणपुर में बच्चों से बातचीत भी की। अधीक्षक ने बताया कि बच्चों को शिक्षा के साथ ही योग और आर्ट की शिक्षा दी जा रही है। राज्यमंत्री के पहुंचने पर कला प्रतियोगिता का आयोजन चल रहा था। अंत में वह राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) नौबस्ता पहुंचीं। निरीक्षण के दौरान उन्हें गंदगी मिली तो अधीक्षक को फटकार लगाई। कोविड प्रोटोकाल के तहत सफाई कराए जाने के निर्देश दिए। 

ये रहे मौजूद: राज्यमंत्री के निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान उपनिदेशक महिला कल्याण श्रुति शुक्ला, डीपीओ अभय सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 

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