चित्रकूट में प्रकृति के सौंदर्य को लील रहा पहाड़ों का खनन, एनजीटी के मानकों की खुलेआम उड़ रहीं धज्जियां

यहां के पहाड़ और जंगल ही खूबसूरती है लेकिन भरतकूप क्रशर मंडी में अधिकांश ग्रेनाइट पत्थर के पहाड़ों का वजूद खत्म होने को है। खनन माफिया अवैध खनन कर रहे है तो पट्टाधारक अवैध हैवी ब्लास्टिंग से प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट करने पर तुलें हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 05:15 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 05:15 PM (IST)
चित्रकूट में प्रकृति के सौंदर्य को लील रहा पहाड़ों का खनन, एनजीटी के मानकों की खुलेआम उड़ रहीं धज्जियां
अवैध हैवी ब्लास्टिंग से प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट करने पर तुलें हैं

चित्रकूट(हेमराज कश्यप)। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के 84 कोस में फैले धार्मिक स्थलों में भरतकूप प्रमुख स्थान है। भगवान श्री राम के राज्याभिषेक को लेकर आए विभिन्न तीर्थ स्थलों के जल को भरत जी ने भरतकूप में डाला था। चित्रकूट आने वाले सैलानी यहीं से होकर जाते है जिनका खोखले पहाडों के दर्शन और डस्ट से स्वागत होता है। विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को अनेक आश्चर्यो की पहाड़ी कहा जाता है। यहां के पहाड़ और जंगल ही खूबसूरती है लेकिन भरतकूप क्रशर मंडी में अधिकांश ग्रेनाइट पत्थर के पहाड़ों का वजूद खत्म होने को है। खनन माफिया अवैध खनन कर रहे है तो पट्टाधारक अवैध हैवी ब्लास्टिंग से प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट करने पर तुलें हैं।

जिले में पहाड़ों पर 35 पट्टे, भरतकूप में 29 : जनपद की कर्वी, मानिकपुर और मऊ तहसील के पहाड़ों में 35 खनन के पट्टे हैं सबसे अधिक कर्वी के भरतकूप में 29 पट्टे ग्रेनाइट के हैं। वहीं मानिकपुर सैंडस्टोन (बलुआ पत्थर) के तीन और मऊ के बरगढ़ में सिलिकासैंड के तीन पट्टे हैं। यानी सबसे अधिक प्रकृति को नुकसान तपोभूमि के पास पहुंचाया जा रहा है।

जितने पट्टे उतनी ही अवैध खदानें : भरतकूप क्रशर मंडी के आसपास गोड़ा, रौली कल्याणपुर, बजनी पहाड़ समेत बीहर भौंटी में ग्रेनाइट पत्थर की वैध और अवैध दोनों खनन होता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि सभी पहाड़ों में करीब 20 अवैध खदानें चल रही है।

संरक्षित गोंड़ा मंदिर पर संकट : पहाड़ों में हो रहे मानकविहीन खनन से भरतकूप का पुरातत्व विभाग से संरक्षित गोंड़ा सूर्य मंदिर में संकट के बादल मडरा रहे हैं। मंदिर से आसपास खनन हो रहा है। डस्ट की धुंध को देखकर सालों से कोई सैलानी इस मंदिर को देखने नहीं गया है। यही हाल व्यास कुंड है।

इनका कहना है भरतकूप दस साल से पट्टे स्वीकृत हैं। जिनमें खनन हो रहा है। अवैध खनन की शिकायत पर जांच कर कार्रवाई की जाती है। - सनी कौशल, जिला खनिज अधिकारी

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