घाटमपुर में Permission न होने के बाद भी जारी है खनन का कारोबार, माफिया पर कार्रवाई से बच रहे अफसर
मंडलायुक्त की फटकार के बाद भी खनिज और राजस्व अफसर का रवैया। तहसील क्षेत्र में किसी भी खनन की एक भी परमीशन नहीं फिर भी खेल। उप जिलाधिकारी का कहना है कि कानूनगो को मौके पर भेज कर जांच करा रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर से सटे हुए घाटमपुर के तहसील क्षेत्र में मौरंग, बालू या मिट्टी खनन की एक भी परमीशन जारी नहीं है। उप जिलाधिकारी एके श्रीवास्तव यह बात बहुत स्पष्ट कहते हैं। जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर हमीरपुर जिले के सीमावर्ती इलाके पर खनन धड़ल्ले से जारी है। इसमें खनिज व राजस्व अफसरों तक की मिलीभगत है। अवैध खनन और फील्ड पर न निकलने को मंडलायुक्त की फटकार के बाद खनिज निरीक्षक अजय यादव नायब तहसीलदार अतुल हर्ष श्रीवास्तव के साथ रविवार रात सड़क पर उतरे तो 22 ट्रक मौरंग व बालू लदे पकड़े। बिना रायल्टी वाले छह ट्रैक्टर पकड़े। कार्रवाई के नाम पर इन्हें सीज कर दिया गया और बस उत्तरदायित्व खत्म। ट्रक चालकों के जरिए माफिया तक पहुंचने की जहमत नहीं उठाई गई। यह प्रमाण है कि माफिया किस कदर अवैध खनन में सक्रिय हैं और खाकी-खादी के मेल से चल रहे खेल के आगे अफसर नतमस्तक हैं।
गांव-गांव बालू खनन
सजेती क्षेत्र के सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्गा देवी तिराहा से पावर प्लांट की ओर बढ़ते 100 मीटर आगे बाएं बाउंड्रीवाल से सटे करीब एक बीघा क्षेत्रफल में बालू का खनन किया गया है। गांव सिधौल के पावर प्लांट परिसर के अंदर काफी बड़े क्षेत्रफल में बालू का अवैध खनन किया गया है। प्लांट का निर्माण कराने वाली नेयवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड के उप महाप्रबंधक (एचआर) पंकज कुमार खनन की पुष्टि कर कहते हैं कि उन्होंने पत्र भेजकर जानकारी एसडीएम को दी थी। गांव बावन के देशी शराब ठेके के बगल से जाने वाले खड़ंजा के समीप भी करीब एक बीघा क्षेत्रफल में बालू का खनन किया गया है। ग्रामीणों के मुताबिक अवैध खनन का खेल शाम से पूरी रात चलता है। इसके पीछे बावन व बैरीपुर निवासी माफिया के नाम लिए जा रहे हैं, जिन्हें पड़ोसी जिले के प्रभावशाली नेता का वरदहस्त प्राप्त है। उप जिलाधिकारी का कहना है कि कानूनगो को मौके पर भेज कर जांच करा रहे हैं कि बालू व मिट्टी का खनन ग्राम समाज की जमीन पर तो नही किया गया है।
बगैर रायल्टी वाया आनूपुर मोड़ मौरंग का परिवहन
कैमरे व तौल कांटे लगाकर सख्ती के दावे के विपरीत हमीरपुर की खदानों से बगैर रायल्टी मौरंग बिक्री का खेल बदस्तूर जारी है। रात ढलते ही खदानों से बगैर रायल्टी अदा किए निकलने वाले ट्रक व ट्रैक्टर आनूपुर मोड़ से वाया बरीपाल परास का रास्ता सेफ मानते हैं। रात दो बजे के बाद सुबह होने के पहले यहां से वाहन निकलते हैं। पुलिस को लाखों रुपये हर माह पहुंचाए जाते हैं।
खनिज निरीक्षक की वसूली का वायरल हो चुका आॅडियो
वसूली को लेकर खनिज निरीक्षक अजय यादव का कथित आडियो भी जारी हो चुका है। हालांकि दैनिक जागरण इस आडियो की पुष्टि नहीं करता। यह मामला बीते वर्ष जून-जुलाई में मंडल के तत्कालीन आला अफसर के नाम पर एक स्थानीय स्टॉकिस्ट के यहां डंपर भेज कर मुफ्त मौरंग लेने प्रयास का था। स्टॉकिस्ट के पार्टनर ने मोबाइल पर खनिज निरीक्षक से हुई वार्ता रिकार्ड कर अफसरों से शिकायत भी की थी। लेकिन, हर जांच खनिज निरीक्षक को ही मिलती रही। बाद में स्टॉकिस्ट से हस्ताक्षर करा मामला रफा दफा करा लिया गया था।