बांदा में हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लगने से प्रवासी मजदूर की मौत

प्रवासी मजदूर शनिवार रात देवी प्रतिमा के विर्सजन के बाद घर लौटा था। देर रात घर की छत पर जाने के बाद उसके पास मौजूद तमंचे से संदिग्ध हालात में गोली चल गई और उसके जबड़े में जा लगी। जहां उसकी मौत हो गई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 02:48 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 02:48 PM (IST)
बांदा में हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लगने से प्रवासी मजदूर की मौत
गोली लगने से प्रवासी मजदूर की मौत हो गई।

बांदा, जेएनएन। देवी प्रतिमा के विसर्जन से घर लौटे प्रवासी मजदूर को हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लगने से मौत हो गई। मजदूर तीन दिन पहले दशहरा त्योहार मनाने सूरत से घर आया था। मजदूर की मौत के बाद स्वजन बेहाल हैं। वहीं, पुलिस ने घटनास्थल से तमंचा व कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

देहात कोतवाली क्षेत्र के ग्राम चटचटगन निवासी 48 वर्षीय संतोष शनिवार रात देवी प्रतिमा के विर्सजन से घर लौटा था। देर रात छत में जाने पर तमंचे से चली गोली उसके जबड़े में लग गई। गोली चलने की आवाज सुनकर पत्नी फूलमती मौके पर पहुंची तो वह मृत पड़ा मिला। घटना को लेकर घर में चीख-पुकार मच गई। स्वजन ने मामले की सूचना पुलिस को दी। सीओ सिटी राकेश कुमार सिंह व कोतवाली निरीक्षक राजीव यादव ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। पुलिस को वहां एक खोखा व दो जिंदा कारतूस के साथ तमंचा बरामद हुआ। बड़े बेटे अमर सिंह ने देहात कोतवाली में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि पिता ने तमंचे से खुद को गोली मार ली है।  कोतवाली निरीक्षक ने बताया कि विसर्जन के समय वह पटाखे छुड़ाता रहा है। इसके बाद घर आकर दशहरे के चलते वह शराब के नशे में छत जाकर तमंचे से फायर करने लगा है। जिसमें गोली उसे खुद को लग गई है। डाग स्क्वायड व फारेंसिक टीम ने घटनास्थल की सुरागरसी की है। जिसमें फारेंसिक टीम ने तमंचे के फिंगर प्रिंट तैयार करने के साथ आसपास फैले खून के नमूने लिए हैं।

त्योहार के लिए तीन दिन पहले सूरत से लौटा था घर: स्वजन ने बताया कि दशहरे के चलते वह तीन दिन पहले सूरत से कमाकरघर लौटा था। उसके दो बेटे 22 वर्षीय अमरजीत, 16 वर्षीय राजनीत व एक 19 वर्षीय बेटी भूरी है।  तीन बच्चों के परिवार का वह मजदूरी कर भरण-पोषण करता था।

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