लचर व्यवस्था के चलते 37 हजार अभिभावकों को अब तक नहीं मिला मिडडे मील का भुगतान
परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को 24 मार्च से 30 जून के बीच 76 दिनों तक मिडडे मील का पैसा उनके अभिभावकों के खातों में भेजे जाने के निर्देश शासन से मई में दिए गए थे।
कानपुर, जेएनएन। परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को 24 मार्च से 30 जून के बीच 76 दिनों तक मिडडे मील का पैसा उनके अभिभावकों के खातों में भेजे जाने के निर्देश शासन से मई में दिए गए थे। हालांकि अभी स्थिति यह है, कि अक्टूबर बीत चुका है और 37 हजार अभिभावकों को पैसा नहीं मिला। इसे अभी अनदेखा कर दें, तो विभाग के हास्यास्पद स्थिति यह है कि शासन से सितंबर तक पैसा देने के भी आदेश दिए जा चुके हैं। मगर व्यवस्था लाचार होने के चलते अभिभावकों को इंतजार ही करना होगा। 350 स्कूलों में पढऩे वाले इन बच्चों को अगर मिडडे मील भी दिया जाता तो उसकी गुणवत्ता खराब होती। यह कहना है शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का। अभी स्कूलों के लिए जून का बजट नहीं, आगे की व्यवस्था भी अब भगवान भरोसे ही रहने वाली है।
एक नजर मिडडे मील की राशि से जुड़े आंकड़ों पर
कुल बच्चों को मिडडे मील की राशि दी जानी: 1,94,725
परिषदीय विद्यालय में प्रति बच्चा राशि मिलेगी: 4.48 रुपये
उच्च परिषदीय विद्यालय में प्रति बच्चा राशि मिलेगी: 6.71 रुपये
परिषदीय विद्यालय में प्रति बच्चा राशन दिया जाना है: 7.60 कि.ग्रा.
उच्च परिषदीय विद्यालय में प्रति बच्चा राशन दिया जाना है: 11.40 कि.ग्रा.
इनका यह है कहना
जैसे-जैसे शासन से बजट मिल रहा है, वैसे-वैसे अभिभावकों के खातों में राशि ट्रांसफर की जा रही है। राशि सही जगह पहुंची या नहीं, इसका परीक्षण कराने में भी समय लग रहा है।
डॉ. पवन तिवारी, बीएसए