जीएसटी के पुराने रिटर्न फाइल न करने वाले कारोबारियों को मिला एक और मौका
पुराने रिटर्न फाइल करने का मौका देने के साथ शुल्क और लेट फीस का भी प्रावधान किया गया है। कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने का दोबारा मौका मिलने से राहत मिली है और अब नए के अलावा पुराने रिटर्न भी फाइल कर सकेंगे।
कानपुर, जेएनएन। जीएसटी लागू होने के बाद से जिन कारोबारियों ने अब तक रिटर्न फाइल नहीं किए हैं, अब उन्हें एक और मौका मिला है कि वे अपने रिटर्न फाइल कर सकें। इससे कारोबारियों को राहत मिलने वाली है, जो रिटर्न फाइल करने से चूक गए थे अब वे दिए गए समय फाइल कर सकते हैं।
जीएसटी में जुलाई 2017 से लेकर अप्रैल 2021 तक के न फाइल किए गए रिटर्न एक जून से 31 अगस्त 2021 के बीच ही फाइल किए जा सकते हैं। इनमें कारोबारी को प्रत्येक रिटर्न के हिसाब से लेट फीस देनी होगी। इसमें जिस माह में कोई टैक्स नहीं देना है, उस रिटर्न के पांच सौ रुपये देने होंगे वहीं जिन माह के लिए टैक्स देना होगा उसके लिए एक हजार रुपये लेट फीस जमा करनी होगी। एक तरह से जीएसटी लागू होने की तारीख से ही अटके हुए 3बी रिटर्न फाइल कराने में राहत दी गई है। इसके अलावा मई 2021 और इसके आगे के माह में भी लेट फीस में राहत दी गई है।
इसमें भी जिस रिटर्न में कोई करदेयता नहीं होगी। उसमें अधिकतम लेट फीस पांच सौ रुपये प्रति रिटर्न देय होगी। इसमें अगर कारोबारी का टर्नओवर डेढ़़ करोड़ रुपये है तो उसे अधिकतम लेट फीस दो हजार रुपये देनी होगी। यदि डेढ़ करोड़ से पांच करोड़ रुपये तक का टर्नओवर है तो पांच हजार रुपये लेट फीस और पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर होने पर अधिकतम लेट फीस दस हजार रुपये होगी। टैक्स सलाहकार संतोष गुप्ता के मुताबिक समाधान योजना अपनाने वाले कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न लेट होने पर अधिकतम लेट फीस दो हजार रुपये अदा करनी होगी। टीडीएस की कटौती करने के जिम्मेदार संस्थान को जीएसटीआर-7 विलंब से फाइल करने पर दो हजार रुपये लेट फीस अदा करनी होगी।