हार्डवेयर उद्योगों पर ताले लगने की नौबत, कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें

लोहा स्टील व एल्युमिनियम के दाम दोगुने होने से कारोबार पर असर पड़ना शुरू हो गया है। पहली अप्रैल से लौह उत्पादों की दरें और बढऩे की आशंका से अब व्यापारियों की चिंता भी बढ़नी शुरू हो गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 07:52 AM (IST) Updated:Sun, 28 Mar 2021 07:52 AM (IST)
हार्डवेयर उद्योगों पर ताले लगने की नौबत, कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें
धातु के दाम बढ़ने से व्यापार पर गहरा असर पड़ा है।

कानपुर, जेएनएन। लोहा, स्टील व एल्युमिनियम समेत हार्डवेयर की कीमतें दोगुनी होने से उद्यमियों की नींद उड़ गई है। हार्डवेयर के दाम में फिर उछाल आने से उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच गए हंै। एक अप्रैल से लौह उत्पाद के कच्चे माल में फिर से चार हजार रुपये प्रति टन की बढ़त होने की आशंका है।

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष हरेंद्र मूरजानी ने बताया कि हार्डवेयर उद्योग में इस तेजी को लेकर हलचल है। एक अप्रैल से कच्चा माल बढऩे के संकेत मिलने लगे हैं। अब उद्यमियों को उत्पाद बनाने के लिए कच्चा माल नहीं मिल रहा है।

बढ़ रहे धातु के दाम

-लोहे की चादर: 30 रुपये से बढ़कर 70 रूपये किलो हुई

-स्टेलनेस स्टील: 75 रुपये से बढ़कर 115 रूपये हुआ

-जस्ता: 170 से बढ़कर 275 रुपये किलो पहुंचा

-कॉपर: 400 से बढ़कर 700 रूपये किलो पहुंचा

-एल्युमिनियम: 140 रुपये से बढ़कर 250 रुपये किलो पहुंचा कच्चे माल की कीमतें चार हजार रुपये टन तक बढ़ाए जाने की बात हो रही है। लघु उद्योग की हालत खराब है। अब श्रमिकों को पैसा देना भी मुश्किल हो रहा है। -अजय गुप्ता, सेना व रेलवे उत्पाद उद्यमी टेंडर डाल चुके हैं। अब अगर दाम बढ़ते हैं तो उत्पाद महंगे बनने तय हैं लेकिन उसका मूल्य नहीं मिलेगा। जेब से पैसे लगाने पड़ेंगे। ऐसे मेें छोटी इकाइयां बंद होना तय है। -पुनीत गुप्ता, हार्डवेयर उत्पाद निर्माता व नगर मंत्री लघु उद्योग भारती दो दिन के अंदर कच्चे माल के दाम 1500 रुपये टन बढ़ गए हैं। ऐसे में टेंडर डालने के बाद अब उत्पाद बनाना कैसे संभव है। थोड़ा बहुत काम आया था जबकि स्थिति फिर जस की तस हो गई है। -अमन घई, हार्डवेयर उद्यमी

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