नकदी पकड़े जाने के 36 दिन बाद आयकर अधिकारियों के सामने पेश हुए एमडी, आयकर ने पूछे करीब 50 सवाल
गाजियाबाद की बी-4 एस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने जिस समय जीआरपी के पास रुपये थे तब पत्र भेज कर दावा किया था। इसके बाद जब आयकर विभाग के पास रुपये आ गए तो उसने आयकर विभाग से भी दावा किया।
कानपुर, जेएनएन। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस की पेंट्री कार से कानपुर लाए गए 1.40 करोड़ रुपये के मामले में पहली बार बुधवार को गाजियाबाद की कंपनी बी-4 एस के प्रबंध निदेशक रमाकांत शर्मा आयकर अधिकारियों के सामने पेश हुए। आयकर की जांच ङ्क्षवग के अधिकारियों ने उनसे सात घंटे तक कड़ी पूछताछ की। ज्यादातर सवालों के जवाब में उन्होंने यही कहा कि ये रुपये उनके हैं, लेकिन आयकर अधिकारियों ने इसके साक्ष्य मांगे। कुछ तैयारियां तो वह करके ही आए थे, लेकिन आयकर विभाग के सवालों की सूची के आगे उनके जवाब कम पडऩे लगे।
गाजियाबाद की बी-4 एस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने जिस समय जीआरपी के पास रुपये थे, तब पत्र भेज कर दावा किया था। इसके बाद जब आयकर विभाग के पास रुपये आ गए तो उसने आयकर विभाग से भी दावा किया। आयकर विभाग ने कंपनी की तरफ से आए ई-मेल पर ही साक्ष्य पेश करने के लिए कहा था। बुधवार सुबह कंपनी के एमडी सिविल लाइंस स्थित आयकर विभाग की जांच ङ्क्षवग पहुंचे। उन्होंने अपना परिचय दिया तो तुरंत उन्हेंं इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी के पास पहुंचा दिया गया। उनके साथ अकाउंटेंट, वकील, टैक्स सलाहकार भी थे।
उन्होंने इस रुपये को अपना बताया तो आयकर अधिकारियों ने उनके सामने करीब 50 सवालों की सूची रख दी। इसमें उनसे पूछा गया कि उन्होंने किन-किन बैंक खातों से यह रुपया निकाला, अगर किसी ने भुगतान किया तो वे कौन लोग थे। यह रुपया किसके पास जा रहा था। कौन इसके साथ था। किस काम के लिए जा रहा था। यह रुपया कहां और किस काम से जा रहा था। उन्होंने बताया कि इसे लखनऊ आफिस के कार्य के लिए भेजा जा रहा था, लेकिन वह यह नहीं बता पाए कि ये रुपये कहां-कहां से आए थे। आयकर अधिकारियों ने कंपनी से उनकी 15 फरवरी की कैशबुक भी मांगी है। अधिकारियों के मुताबिक कंपनी को यह तो दिखाना ही होगा कि 15 फरवरी को उसकी कैश बुक में 1.40 करोड़ रुपये से ज्यादा था। अगर ऐसा नहीं हुआ तो साफ हो जाएगा कि कंपनी ने यह धन गलत तरीके से एकत्र किया। अधिकारियों के मुताबिक अभी ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं मिले हैं।