अपनों से तिरस्कृत कई और बुजुर्गों को है पुलिस की मदद का इंतजार

चकेरी में बेटे-बहू की यातना का शिकार हुए बुजुर्ग दंपती की तरह शहर के कई और वृद्ध भी अपनों की उपेक्षा और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 02:00 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 02:00 AM (IST)
अपनों से तिरस्कृत कई और बुजुर्गों को है पुलिस की मदद का इंतजार
अपनों से तिरस्कृत कई और बुजुर्गों को है पुलिस की मदद का इंतजार

जागरण संवाददाता, कानपुर : चकेरी में बेटे-बहू की यातना का शिकार हुए बुजुर्ग दंपती की तरह शहर में कई और वृद्ध भी अपनों की उपेक्षा और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। किसी को पुलिस की मदद मिली तो कोई अब तक मदद का इंतजार कर रहा है। सोमवार को दो और मामले सामने आए हैं। एक वृद्ध को उनकी बहू ने सात दिन पूर्व धक्के देकर घर से निकाल दिया था। मजबूरी में वह मंदिर में रह रहे हैं। पुलिस के कई चक्कर लगाए, लेकिन मदद नहीं मिली। वहीं जाजमऊ की एक वृद्ध महिला ने भी बेटे-बहुओं पर जमा पूंजी हड़पकर घर से निकालने का आरोप लगाया। शिकायत पर एसीपी कैंट ने वृद्धा के घर जाकर उनके बेटे-बहू को चेतावनी दी और महिला को वापस घर में रखवाया।

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पत्नी और बेटे की मौत के बाद बदल गया बहू का बर्ताव

रायपुरवा में तेजाब मिल कैंपस निवासी 64 वर्षीय शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2019 में उनके छोटे बेटे संदीप का देहांत हो गया था। कुछ माह बाद बेटे के गम में पत्नी का भी निधन हो गया। पत्नी और बेटे के जाने के बाद वह अकेले हो गए। आरोप है कि इसके बाद पुत्रवधू ने उनके बेटे के नाम पर मौजूद उस मकान को अपने नाम करा लिया और उसे बेचने की कोशिश करने लगी। वह मकान भले ही बेटे के नाम था, लेकिन उन्होंने अपनी कमाई से उसका निर्माण कराया था। आरोप है कि कुछ माह पूर्व बहू ने मकान में किराये पर कुछ युवकों को रख दिया। यही नहीं, उन्हें परेशान करने लगी और सात दिन पूर्व घर पर ताला लगाकर उन्हें बाहर निकाल दिया। विरोध पर पुलिस को फोन कर फर्जी मुकदमे में फंसाने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस से शिकायत भी की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। परेशान होकर शिवकुमार मंदिर में रह रहे हैं। अनवरगंज एसीपी मो. अकमल खान ने बताया कि मामला संपत्ति विवाद से संबंधित है। मकान उनके दिवंगत बेटे की पत्नी के नाम पर है। महिला को वृद्ध ससुर के साथ रहने पर आपत्ति है। मामले की जांच की जा रही है।

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चौका बर्तन कर जिन बच्चों को पाला, उन्होंने किया बेघर

जाजमऊ सरैया निवासी 70 वर्षीय नूरजहां ने पुलिस को बताया कि उनके पति की 15 वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। इसके बाद से वह घरों में चौका बर्तन करके तीन बेटों व एक बेटी का पालन पोषण करती रहीं और उनका विवाह किया। यही नहीं, एक-एक पाई जोड़कर खाते में 2.10 लाख रुपये भी जमा किए, ताकि बुढ़ापे में काम आ सकें। आरोप है कि वृद्ध होने पर बच्चों ने बुढ़ापे की लाठी बनने की जगह खाते में जमा रकम हड़प ली और बीती एक जुलाई को उन्हें घर से ही बाहर निकाल दिया। इसके चलते वह दर-दर भटकने को मजबूर है। दो दिन पूर्व चकेरी निवासी बुजुर्ग दंपती को उनके घर पहुंचाने की जानकारी पाकर सोमवार को वृद्धा ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। तब एसीपी कैंट ने खुद वृद्धा के घर जाकर उनके बेटे-बहुओं को चेतावनी दी और वृद्धा को घर में रखवाया। एसीपी अशोक सिंह ने बताया कि वृद्धा को घर में जगह दिलाई गई है। साथ ही बहू और बेटों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है। भविष्य में शिकायत आई तो मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।

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वृद्धजनों की सुरक्षा और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। जो भी शिकायतें आ रही हैं, उनमें जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

- असीम अरुण, पुलिस आयुक्त

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