कंपनी के काम को लेकर गोरखपुर गए थे मनीष, पत्नी और पिता बेहाल
गोरखपुर पुलिस की बर्बरता से कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत का मामला।
जागरण संवाददाता, कानपुर : गोरखपुर पुलिस की बर्बरता से कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में पत्नी और पिता बेहाल हैं। परिवार गोरखपुर के लिए रवाना हो गया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके निशाना साधा है।
बर्रा-3 निवासी नंद किशोर गुप्ता घर में सिलाई का काम करते हैं। तीन वर्ष पूर्व उनकी पत्नी उमा की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। वह 38 वर्षीय बेटे मनीष गुप्ता, बहू मीनाक्षी और चार वर्षीय पौत्र अभिराज के साथ रहते हैं। दो शादीशुदा बेटियां शिवानी व डाली हैं। शिवानी ने बताया कि मनीष पहले आगरा में एक रीयल इस्टेट कंपनी में काम करते थे। डेढ़ माह से लखनऊ की एक कंपनी में काम कर रहे थे और लोगों को मत्स्य पालन की जानकारी देते थे। उसी सिलसिले में रविवार को वह गोरखपुर गए थे, जहां अपने दो साथियों के साथ एक होटल में रुके थे। मनीष के दोस्त ने उन्हें बताया कि रात में होटल में कुछ पुलिसकर्मी अचानक चेकिग करने पहुंचे। दोनों साथियों ने अपना परिचय पत्र दिखाया। चेकिग की वजह जाननी चाही, लेकिन पुलिसकर्मी अभद्रता करने लगे। मनीष ने उनसे कहा कि क्या हम आपको आतंकी लगते हैं। इस पर पुलिसकर्मी भड़क गए और उन्होंने मनीष व उनके दोनों दोस्तों को बर्बरता से पीटा। इसी वजह से मनीष की मौत हो गई। पड़ोसियों ने बताया कि मां का निधन होने के कारण मनीष रीयल स्टेट कंपनी की नौकरी छोड़कर घर आए थे। पूर्व में वह पत्नी व बच्चे के साथ आगरा और गाजियाबाद में रहते थे। शहर से बाहर नौकरी करने से वह मां को आखिरी वक्त में भी नहीं देख पाए थे। पिता बुजुर्ग हैं, उनके कारण शहर आकर प्रापर्टी का काम करने लगे। परिवार चलाने के लिए उनकी पत्नी भी शापिंग कांप्लेक्स में काम करती हैं। पूरा परिवार सज्जन है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण ही करीब डेढ़ माह पहले उन्होंने नई नौकरी शुरू की थी। अब उनकी मौत के बाद परिवार को कौन संभालेगा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने भाजपा सरकार को ठहराया जिम्मेदार
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी घटना को लेकर ट्वीट कर निदा की। साथ ही भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की। उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में एनकाउंटर की जिस हिसक संस्कृति को जन्म दिया है। यह उसी का दुष्परिणाम है। घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए।