Manish Murder Case: पत्नी ने किया एक और ट्वीट, अभी सीबीआइ जांच के लिए करना होगा इंतजार!

गोरखपुर में कानपुर के प्रापर्टी डीलर की हत्या के मामले में शासन ने सीबीआइ जांच की संस्तुति की थी लेकिन अभी तक स्वजन और पुलिस से किसी ने संपर्क नहीं किया है। स्वजन का कहना है कि संजीत हत्याकांड की जांच शुरू होने में ही 14 माह लगा दिए गए।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:51 AM (IST)
Manish Murder Case: पत्नी ने किया एक और ट्वीट, अभी सीबीआइ जांच के लिए करना होगा इंतजार!
गोरखपुर में कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या का मामला।

कानपुर, जेएनएन। प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड की शासन से संस्तुति के 13 दिन बाद भी सीबीआइ जांच शुरू नहीं हुई है। अभी इसके लिए इंतजार करना होगा, क्योंकि शहर के संजीत यादव हत्याकांड की सीबीआइ जांच शुरू होने में करीब 14 माह लग गए। मनीष के स्वजन का आरोप है कि इस दौरान गोरखपुर पुलिस जांच प्रभावित करके पुलिस कर्मियों को बचाने की कोशिश करेगी। वहीं पत्नी मीनाक्षी ने ट्वीट करके पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए हैं।

गोरखपुर में रामगढ़ताल थानाक्षेत्र स्थित होटल कृष्णा पैलेस में पुलिस की पिटाई से बर्रा-तीन निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता मारे गए थे। पोस्टमार्टम के बाद शव शहर लाकर स्वजन ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। 29 सितंबर को अंतिम संस्कार कराने को पुलिस को 10 घंटे मान मनौवल करनी पड़ी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराने के आश्वासन पर 30 सितंबर की सुबह छह बजे अंतिम संस्कार किया गया था। मुख्यमंत्री ने मुलाकात के बाद 40 लाख रुपये की आर्थिक मदद, मनीष की पत्नी मीनाक्षी को कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्ति, मामले की जांच कानपुर ट्रांसफर करने की बात कही थी।

इसके बाद शासन ने सीबीआइ जांच की संस्तुति की थी। पिता नंद किशोर गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने परिवार की आर्थिक मदद, बहू को नौकरी व जांच कानपुर ट्रांसफर करा दी है। बर्रा के लैब टेक्नीशियन संजीत अपहरण और हत्याकांड की सीबीआइ जांच की संस्तुति दो अगस्त 2020 को की गई थी। मामले में सीबीआइ ने एक साल चार माह बाद सुध लेकर अब जांच शुरू की है। ऐसे में मनीष के मामले में सीबीआइ जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इस दौरान बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

पत्नी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर खड़े किए सवाल

प्रापर्टी डीलर का पोस्टमार्टम डाक्टरों के पैनल से होने के बाद भी पत्नी मीनाक्षी ने रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने पैनल के डाक्टरों से मिलीभगत करके जाहिरा चोटों का जिक्र रिपोर्ट में नहीं करने दिया है। पति के गले में दाहिनी ओर खून जमा होने की फोटो है। चोट को देखकर यही लगता है कि किसी लाठी जैसी चीज को गले में फंसा कर दबाया गया, जिससे वह सिर न उठा सकें। इस चोट का जिक्र पैनल में शामिल डाक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं किया है। कई डाक्टरों और पुलिस कर्मियों को रिपोर्ट दिखाई तो उन्होंने भी मिलीभगत की आशंका जताई है।

उन्होंने पुलिस आयुक्त असीम अरुण से बात करके इसकी जानकारी दी है। आरोप है कि गोरखपुर पुलिस ने डाक्टरों से मिलीभगत करके ऐसे ही कई चोटें छिपाई होंगी। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि सुबूतों के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है...फोटो में दिख रहे चोट के निशान पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्यों नहीं हैं..जांच संदेहास्पद ..सीबीआइ जांच कब होगी? मीनाक्षी ने बुधवार रात करीब 10:56 बजे एक और ट्वीट किया। पीएमओ, प्रदेश के गृह विभाग समेत अन्य को टैग करते हुए उन्होंने लिखा है कि मेरा निवेदन है कृपया सीबीआइ जांच को प्रारंभ करें। पुलिस मनीष द्वारा मनीष की हत्या किए जाने को गंभीरता से लें। क्यों देर लगाया जा रहा है?

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