मंडी कारोबारियों को दूसरी बंदी भी न्याय नहीं दिला सकी, अब कमेटी की बैठक में तय होगी रणनीति

गल्ला व्यापारी ढाई फीसद शुल्क के विरोध 21 सितंबर से मंडी बंदी करके आढ़त पर नहीं जा रहे थे प्रतिनिधि मंडल ने मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांगों से अवगत कराया है और अब प्रदेश कमेटी की बैठक में आढ़ती आगे की रणनीति तय करेंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 08:00 AM (IST)
मंडी कारोबारियों को दूसरी बंदी भी न्याय नहीं दिला सकी, अब कमेटी की बैठक में तय होगी रणनीति
गल्ला मंडी की हड़ताल से व्यापार प्रभावित हो रहा है।

कानपुर, जेएनएन। मंडी के अंदर कारोबार करने पर आढ़तियों से लिए जा रहे ढाई फीसद शुल्क के विरोध में गल्ला व्यवसाइयों द्वारा की गई दूसरी बंदी का भी कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल सका। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर नौबस्ता गल्ला मंडी में 21 से 26 सितंबर तक बंदी आहूत थी। इससे पहले भी नौ से 11 जुलाई तक इसी मुद्दे पर बंदी हई थी।

अब उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने रविवार को प्रदेश कमेटी की बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। मंडी के अंदर किए जाने वाले कारोबार पर आढ़तियों को ढाई फीसद शुल्क देना पड़ रहा है जबकि जून 2020 से मंडी के बाहर उन्हीं चीजों का कारोबार करने पर कोई शुल्क देय नहीं है। आढ़तियों का कहना है कि ढाई फीसद शुल्क खत्म न किए जाने पर मंडी में कारोबार ठप करने का भी निर्णय लिया जा सकता है।

इस मुद्दे पर व्यापारियों ने शनिवार को मंडी निदेशक रह चुके मंडलायुक्त से भी मुलाकात की और उन्हें राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकुंद मिश्रा, मंडल अध्यक्ष विजय पंडित, शहर अध्यक्ष टीकम चंद सेठिया, रामेश्वर गुप्ता, कृपाशंकर त्रिवेदी, महेश कुमार गुप्ता, आशु गुप्ता, प्रकाश गुप्ता रहे।

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