मंडलायुक्त व आइजी ने अभ्युदय छात्रों को किया प्रेरित, बोले-सिविल सेवा की परीक्षा में भाषा नहीं है बाधा
अधिकारी बनने के साथ अच्छा इंसान भी बनें। अगर आप अच्छे इंसान नहीं हैं तो सबकुछ व्यर्थ है। अपने हौसले को मत छोडि़ए। लक्ष्य पर निशाना साधिए। परिस्थितियां जैसी भी हों साहस न छोड़ें सफलता आपके कदम चूमेगी।
कानपुर : सिविल सेवा की प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए फर्राटेदार अंग्रेजी जरूरी नहीं है। अगर आप ङ्क्षहदी में अच्छी तरह संवाद कर सकते हैं और आपकी लेखनी अच्छी है तो आप इस परीक्षा में अपना सौ फीसद दे सकते हैं। जरूरत है तो लक्ष्य भेदने के लिए उन विषयों का ठीक से अभ्यास करने की, जिन्हें आपने इस परीक्षा के लिए चुना है। ये बातें मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के यूनिवर्सिटी इंस्टीट््यूट ऑफ इंजीनियङ्क्षरग एंड टेक्नोलॉजी (यूआइईटी) में मंगलवार को अभ्युदय अध्ययन केंद्र में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं से कहीं।
उन्होंने कहा कि वह कर्नाटक से हैं। हमारे घर में कोई आइएएस नहीं है। मैं परिवार का पहला सदस्य हूं जो आइएएस बना। पहली बार में सफलता नहीं मिली, लेकिन बिहार के कुछ मित्रों को उनकी क्षमता पर विश्वास था। मेहनत के साथ उनकी प्रेरणा से आइएएस बना। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप भी आइएएस बन सकते हैं यह कोई मुश्किल नहीं है, जरूरत है तो लक्ष्य भेदने के लिए अच्छी रणनीति बनाने की। अधिकारी बनने के साथ अच्छा इंसान भी बनें। अगर आप अच्छे इंसान नहीं हैं तो सबकुछ व्यर्थ है। आइजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि अपने हौसले को मत छोडि़ए। लक्ष्य पर निशाना साधिए। परिस्थितियां जैसी भी हों साहस न छोड़ें, सफलता आपके कदम चूमेगी। उन्होंने कहा कि विषय कोई बंदिश नहीं। डीन एकेडमिक प्रो. संजय स्वर्णकार, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव के अलावा प्रो. वर्षा गुप्ता व डॉ. राशि अग्रवाल मौजूद रहीं।