सूदखोरों के दबाव से कर्जदार युवक ने की खुदकुशी, ढाई लाख कर्ज के लिए गोली मारने की दे रहे थे धमकी
युवक ट्रक चलाकर चलाता था खर्चा रुपये चुकाने के लिए युवक हमेशा रहता था परेशान पिता सूदखोरों के सामने मोहलत देने के लिए जोड़ते थे हाथ। परिवार के ही कुछ लोगों से पांच से दस फीसद में लिया था कर्ज।
कानपुर, जेएनएन। सूदखोरों के दबाव बनाने से परेशान कर्जदार युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पिता ने पारिवारिक व अन्य सूदखोरों पर गोली मारने व घसीटकर ले जाने की धमकी देने का आरोप लगाया। पुलिस को घटना की सूचना दी गई है।
बांदा जनपद में देहात कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पचनेही निवासी विद्यासागर तिवारी का 25 वर्षीय पुत्र मोहित ट्रक चलाकर अपना खर्च चलाता था। गुरुवार को वह काम से वापस घर लौटा था। शनिवार दोपहर उसने घर के अंदर साफी से फांसी लगा ली। कुछ देर बाद उसकी मां शोभा मौके पर गई तो वह फंदे से छल्ले में लटका मिला। शोर मचाने पर पारिवारिक लोग आनन-फानन उसे फंदे से नीचे उतारकर जिला अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
पांच से दस फीसद पर लिया था कर्ज
पिता ने बताया कि वह दो भाइयों में छोटा था। उनके पास करीब 30 बीघा जमीन है। बेटे ने पारिवारिक कुछ लोगों से पांच से दस प्रतिशित की ब्याज में अलग-अलग करीब दो से ढाई लाख रुपये कर्ज लिया था। सूदखोर कर्ज वापस करने के लिए उसके ऊपर दबाव बना रहे थे। आरोप लगाया कि कर्ज न चुकाने पर आरोपित उसे जान से मारने तक की धमकी दे रहे थे। इससे वह परेशान रहता था।
हाथ जोड़ कर पिता ने जल्द चुकाने का दिया था आश्वासन
बेटे की परेशानी देखकर उसने खुद कर्ज देने वालों से हाथ जोड़कर सभी का पाई-पाई चुकाने के लिए कहा था। जिससे वह बेटे को परेशान करना बंद कर दें। उनके धमकाने से बेटे ने यह कदम उठाया है। देहात कोतवाली निरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि अभी तक स्वजन की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बेटे के शव से लिपटकर रोई मां
जिला अस्पताल में चिकित्सक ने जैसे ही उसे मृत घोषित किया। स्वजन का धैर्य जवाब दे गया। मां शोभा बेटे से लिपटकर फफक पड़ी। उसके मुंह से बार-बार यही निकल रहा था कि वह जेवर व जमीन बेचकर कर्ज चुका देती। मोर बेटा हाथ से बे हाथ हुईगा।
नशा कराने के बाद देते थे कर्ज
ग्रामीणों में इस बात की भी चर्चा रही कि मोहित को कर्ज देने वाले उसे नशा भी कराते थे। इसके बाद उसे ज्यादा ब्याज में कर्ज देते थे। उनके दबाव के चलते वह काम से लौटने के बाद घर से बाहर निकलने में कतराता था। घटना की असलियत क्या है यह तो पुलिस की पूरी जांच के बाद ही सामने आ सकेगी।