Makar Sankranti 2021: त्योहार से एक दिन पहले कानपुर के बाजारों में उमड़ी खरीदारों की भीड़

Makar Sankranti 2021 बाजारों में गजक और लड्डू की रही डिमांड जमकर हुई खरीददारी। बिठूर बैराज सरसैया घाट के साथ शहर के प्रमुख घाट पर होगा स्नान। कोविड के चलते इस बार गंगा तटों पर मकर संक्रांति मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 07:31 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 07:31 PM (IST)
Makar Sankranti 2021: त्योहार से एक दिन पहले कानपुर के बाजारों में उमड़ी खरीदारों की भीड़
कानपुर में मकर संक्रांति से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। दान, पुण्य और गंगा स्नान का विशेष महत्व रखने वाला महापर्व मकर संक्रांति गुरुवार को शहर में विधि-विधान से मनाया जाएगा। श्रद्धालु भोर से ही गंगा के प्रमुख घाटों पर स्नान के बाद पूजन व दान कर पुण्य की प्राप्ति करेंगे। महापदम योग व पुण्यकाल में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। 

ये है शुभ मुर्हूत

सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का पर्व होता है। भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष के ए दुबे पद्मेश के मुताबिक स्नान, दान व पूजन के लिए सुबह आठ बजकर दस मिनट से शुभ योग शुरू होकर पूरे दिन रहेगा। इस दिन 14 वस्तुओं के दान करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन से हरिद्वार में कुंभ भी शुरू होगा। गंगास्नान, दान और भगवान भास्कर का पूजन कर श्रद्धालु जरूरतमंदों में अनाज, खिचड़ी व वस्त्र का दान करेंगे। कोविड के चलते इस बार गंगा तटों पर मकर संक्रांति मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। श्रद्धालु भोर से ही बिठूर, गंगा बैराज, सरसैया घाट, परमट घाट व मैस्कर घाट पर स्नान पूजन करेंगे। 

दान का विशेष महत्व

इस दान का विशेष महत्व है। गुड़, तिल, खिचड़ी, कंबल व अन्न का दान करना श्रेयस्कर होता है। इस दिन का पौराणिक महत्व भी है। शास्त्रों में चावल को चंद्रमा, काली उड़द की दाल को शनि, हल्दी को बृहस्पति, नमक को शुक्र का प्रतीक माना गया है। हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं। खिचड़ी की गर्मी व्यक्ति को मंगल और सूर्य से जोड़ती है। इसलिए इस दिन खिचड़ी का दान करना शुभकारी होता है। 

मकर संक्रांति को माना जाता है सकारात्मकता का प्रतीक

शास्त्रों में दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि यानी नकारात्मक समय तथा उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इस दिन मंत्रोच्चारण के साथ गंगा स्नान व पूजन के बाद तट पर ही अन्न, खिचड़ी व गर्म कपड़ों का दान करने से सकारात्मकता का भाव मन में जाग्रत होता है। 

बाजारों में रही गजक व लड्डू की खूब डिमांड 

मकर संक्रांति के पर्व पर तिल, गुड़ की गजक व लड्डू का दान व पूजन करना और खिचड़ी के साथ ग्रहण करना शुभ माना जाता है। बुधवार को गजक व लड्डू के प्रमुख बाजार हीरागंज व हूलागंज में दिनभर खरीददारों की भीड़ रही। 

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