महोबा के कबरई प्रकरण में आरोपित दारोगा-सिपाही की जमानत याचिका पर छह दिसंबर को होगी सुनवाई

कबरई क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की 13 सितंबर 2020 को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज दौरान मौत हो गई थी। इसके पहले कारोबारी ने सात सितंबर को आइपीएस मणिलाल पाटीदार कबरई थानेदार देवेंद्र शुक्ल पर छह लाख रुपये के लिए धमकाने का आडियो सामने आया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 10:08 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 10:08 PM (IST)
महोबा के कबरई प्रकरण में आरोपित दारोगा-सिपाही की जमानत याचिका पर छह दिसंबर को होगी सुनवाई
कबरई प्रकरण की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

महोबा, जागरण संवाददाता। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत मामले में आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव, तत्कालीन दारोगा देवेंद्र शुक्ला की जमानत याचिका पर एक बार फिर सुनवाई की तारीख बढ़ा दी गई है। कोर्ट ने नई तारीख छह दिसंबर निर्धारित कर दी गई है।

उच्च न्यायालय प्रयागराज के वकील सीपी तिवारी ने फोन पर बताया कि जमानत को लेकर दो दिसंबर को सुनवाई होनी थी लेकिन कोर्ट के समक्ष अधिक केस होने पर जमानत याचिका पर  सुनवाई नहीं हो सकी थी। जिससे  यह याचिका पास ओवर हो गई थी। अब कोर्ट ने सुनवाई की नई तिथि छह दिसंबर निर्धारित कर दी गई है।

मालूम हो कि इस मामले में आरोपित दारोगा-सिपाही ने भ्रष्टाचार और आत्महत्या दुष्प्रेरण मामले में जमानत के लिए उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी। इस पर पहली सुनवाई 13 सितंबर, उसके बाद 16 सितंबर,  23 सितंबर, 28 सितंबर, फिर 30 सितंबर, चार अक्टूबर, सात नवंबर, 11 नवंबर, 18 नवंबर, 26 नवंबर, फिर दो दिसंबर की तारीख दी थी। 

यह था मामला: कबरई क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की 13 सितंबर 2020 को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज दौरान मौत हो गई थी। इसके पहले कारोबारी ने सात सितंबर को आइपीएस मणिलाल पाटीदार ,कबरई थानेदार देवेंद्र शुक्ल पर छह लाख रुपये मासिक वसूली के लिए धमकाने व दबाव बनाने का इंटरनेट मीडिया पर आडियो-वीडियो वायरल किया था। मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जान का खतरा भी बताया था। आठ सितंबर 2020 को वह कबरई में अपनी गाड़ी में गोली लगने से घायल मिले थे । प्रकरण में आइपीएस, दारोगा, देवेंद्र शुक्ला, सिपाही अरुण यादव, विस्फोटक कारोबारी सुरेश सोनी,व ब्रम्हदत्त द्विवेदी आरोपित बनाए गए थे। एसआइटी जांच में इन पांचों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने तथा भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। दोनों व्यापारी, बर्खास्त दारोगा, सिपाही अरुण यादव को गिरफ्तार कर अक्टूबर 2020 को जेल भेज दिया गया था। 

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